भारत की बेटियां लगातार नित नए आसमान छू रही हैं। अब एक और बेटी ने आसमान की बुलंदियों पर अपनी कामयाबी की इबारत लिखी है। मूल रूप से बिहार की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत भारतीय वायुसेना की पहली महिला लड़ाकू पायलट बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि निश्चित तौर पर देश की करोड़ों बेटियों के सपनों को उड़ान भरने के लिए हौसले और जज्बे के पंख देगी।
भावना की कामयाबी पर भारतीय वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, जिसमें लिखा, ''महिला शक्ति: फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने मिग-21 बिसन एयरक्राफ्ट पर डे ऑपरेशनल सिलेबस पूरा करके अपने कैप में एक और पंख जोड़ा है। वह पहली महिला फाइटर पायलट हैं, जो लड़ाकू विमान से दिन में मिशन को अंजाम देने योग्य हो गई हैं।''
भावना ने एक बार मीडिया से कहा था, ''मैं हमेशा से लड़ाकू पायलट बनना चाहती थी लेकिन जब हम वायुसेना में शामिल हुए तो यह विकल्प ही नहीं था। जब दिसंबर 2015 में यह विकल्प हमें मिला तो मुझे पता था कि मैं इस अवसर को दोनों हाथों से पकड़ने जा रही हूं।''
भावना फाइटर स्क्वॉड्रन (लड़ाकू दस्ते) में 2017 में शामिल हुईं थी। उन्होंने मिग-21 बिसन एयरक्राफ्ट पर डे ऑपरेशनल सिलेबस 22 मई 2019 को पूरा किया। मिग-21 बिसन को दुनिया का सबसे तेज लैंड और टेकऑफ करने वाला एयरक्राफ्ट माना जाता है। यह वही विमान है जिसे विंग कमांडर अभिनंदन उड़ा रहे थे।
भावना का जन्म बिहार के दरभंगा जिले के घनश्याम गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बेगुसराय के बरौनी के एक रिफायनरी टाउनशिप से पूरी की। उसके बाद उन्होंने बैंगलोर के बीएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज से एविएशन में बीटेक की पढ़ाई की। बाद में वह भारतीय वायुसेना में चयनित हो गईं।
जून 2016 में वह वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम के लिए प्रमोट की गईं। भावना 17 मार्च 2017 में मिग-21 एयरक्राफ्ट उड़ाकर पहले ही इतिहास रच चुकी थीं। भावना की मां राधा कांत एक गृहणी हैं और पिता तेज नारायण कांत वर्तमान में मथुरा रिफायनरी में कार्यरत हैं।
इस उपलब्धि के साथ भावना दिन के दौरान युद्ध में सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं वहीं, रात के दौरान लड़ाकू पायलट के तौर पर सेवाएं देने के लिए अभी प्रशिक्षण बाकी है। प्रशिक्षण की प्रक्रिया में लड़ाकू विमान को उड़ाना और युद्ध के दौरान उसके जरिये हथियारों का इस्तेमाल करना शामिल हैं। प्रशिक्षण के पहले दिन ये दोनों चीजें सिखाई जाती है और फिर लड़ाकू पायलट को डे ऑपरेशनल सिलेबस सिखाया जाता है। इसके बाद पायलट को डे ऑपरेशंस की अनुमति दी जाती है। भावना ने सफलतापूर्वक अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है और अब वह एक लड़ाकू पायलट के तौर पर युद्ध का सामना करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने भावना की तारीफ में मीडिया से कहा, ''अपने समर्पण, कड़ी मेहनत और दृढ़ता के साथ वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।''
नाइट ऑपरेशनल ट्रेनिंग के बाद भावना फुल डे-नाइट ऑपरेशंस को संभालने में सक्षम हो जाएंगी। वर्तमान में, भावना भारतीय वायु सेना के फ्रंट लाइन बेस नल में फाइटर स्क्वॉड्रन 3 का एक हिस्सा है।