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"मैंने दो पार्टियों को तोड़ा, दो दोस्त बनाए फिर सत्ता में लौटा", देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना और एनसीपी में हुई टूट को लेकर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 18, 2024 09:27 IST

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने सत्ता में अपनी वापसी के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पावर की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई टूट को बेहद अहम बताया है।

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ठळक मुद्देदेवेंद्र फड़नवीस ने सत्ता में अपनी वापसी के लिए शिवसेना और एनसीपी मे हुई टूट को अहम बतायाफड़नवीस ने कहा कि 2022 में वापस सत्ता में आया और वो भी दो पार्टियों को तोड़ने के बादमैंने 2019 में विधानसभा चुनाव के समय जनता से वादा किया था मैं वापस जरूर आऊंगा

मुंबई: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने सत्ता में अपनी वापसी के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पावर की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई टूट को बेहद अहम बताया है। उपमुख्यमंत्री फड़नवीस ने बीते रविवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा कि वह 2022 में राज्य की सत्ता में वापस लौटे और वो भी दो पार्टियों को तोड़ने के बाद और दो नये दोस्तों के साथ।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार देवेंद्र फड़नवीस जिस दो दोस्तों का जिक्र कर रहे थे। उनका आशय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के संबंध में था।

उन्होंने कहा, "मैंने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय पार्टी के लिए प्रचार करते हुए जनता से वादा किया था कि मैं जरूर वापस आऊंगा और मेरा वो बयान देने का मकसद केवल इतना था कि मैं इस कारण से सत्ता में वापस लौटना चाहता था क्योंकि मेरे मन में यह इच्छा थी कि आखिर मैं महाराष्ट्र को कैसे बदलूंगा।"

फड़नवीस ने कहा, "मैंने विधानसभा चुनाव के समय एक कविता पढ़ी थी और उसके जरिये की गई मेरी एकमात्र ऐसी टिप्पणी थी, जो लोकप्रिय हुई। वह इतनी लोकप्रिय हुई कि कविता का अंग्रेजी और बंगाली में अनुवाद किया गया। वह इतनी प्रभावी थी कि लगभग जनता के बीच एक 'पंच लाइन' बन गई थी।"

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, "लेकिन मुझे सत्ता में लौटने में ढाई साल लग गए और जब मैं लौटा तो दो पार्टियों को तोड़कर वापस आया और साथ में दो दोस्तों को भी लेकर लाया।"

मालूम हो कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था। इस कारण से शिवसेना में विभाजन हो गया और शिंदे को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया और देवेंद्र फड़णवीस उनकी सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे।

उस घटना के बाद पिछले साल जुलाई में एनसीपी में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की और पार्टी को तोड़ते हुए राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गये थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों में टूटने के बाद अजित पवार भी शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बने थे।

टॅग्स :देवेंद्र फड़नवीसमहाराष्ट्रशिव सेनाNCPएकनाथ शिंदेअजित पवारAjit Pawar
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