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हैदराबाद एनकाउंटरः CJI बोबडे ने कहा-न्याय के नाम पर बदले की कार्रवाई ठीक नहीं

By स्वाति सिंह | Updated: December 7, 2019 16:58 IST

हैदराबाद दिशा (बदला हुआ नाम)  गैंगरेप और हत्याकांड के सभी चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। शुक्रवार तड़के तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर किया। 

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ठळक मुद्देचीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है। सीजेआई एस ए बोबड़े ने यह बयान जोधपुर में एक समारोह के दौरान दिया है।

हैदराबाद में  महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है।

उन्होंने  गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर की आलोचना करते हुए 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए अपनी स्थिति और ढिलाई और अंतिम समय के प्रति दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना चाहिए।' सीजेआई एस ए बोबड़े ने यह बयान जोधपुर में एक समारोह के दौरान दिया है।

सीजेआई ने कहा कि इसके साथ-साथ ‘हमें बदलावों और न्यायपालिका के बारे में पूर्वधारणा से भी जरूर अवगत रहना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि देश में हुई हालिया घटनाओं ने एक पुरानी बहस फिर से छेड़ दी है, जहां इसमें कोई संदेह नहीं है कि फौजदारी न्याय प्रणाली को फौजदारी मामलों के निपटारे में लगने वाले समय के प्रति अपनी स्थिति एवं रवैये पर अवश्य ही पुनर्विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘न्याय कभी जल्दबाजी में फटाफट नहीं होना चाहिए। न्याय को कभी प्रतिशोध का रूप नहीं लेना चाहिए। मेरा मानना है कि न्याय उस वक्त अपनी विशेषता या स्वरूप खो देता है जब यह बदले का रूप धारण कर लेता है। खुद में सुधार लाने के उपायों की न्यायपालिका में जरूरत है लेकिन उन्हें प्रचारित किया जाए या नहीं, यह बहस करने का विषय है।’’

सीजेआई ने कहा, ‘‘हमें न सिर्फ मुकदमे में तेजी लाने के लिए तरीके तलाशने होंगे, बल्कि इन्हें रोकना भी होगा। ऐसे कानून हैं जो मुकदमे से पूर्व की मध्यस्थता मुहैया करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुकदमा-पूर्व अनिवार्य मध्यस्थता पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि मध्यस्थता में डिग्री या डिप्लोमा का कोई कोर्स उपलब्ध नहीं है।

बता दें कि हैदराबाद दिशा (बदला हुआ नाम)  गैंगरेप और हत्याकांड के सभी चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। शुक्रवार तड़के तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर किया। 

यहां महिला पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार एवं हत्या के मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:

27 नवंबर: रात करीब साढ़े नौ बजे सरकारी अस्पताल में काम करने वाली 25 वर्षीय महिला पशुचिकित्सक लापता हो गई। वह शम्शाबाद इलाके के अपने घर से शाम पांच बज कर करीब 50 मिनट पर गचीबावली स्थित क्लीनिक के लिए रवाना हुई थी।

28 नवंबर: तड़के तीन बजकर 10 मिनट पर पशुचिकित्सक की बहन ने शम्शाबाद पुलिस को गुमशुदगी की शिकायत दी और कहा कि पीड़िता का दुपहिया वाहन पंक्चर हो गया था और कुछ और लोगों ने उनकी मदद करने की पेशकश की थी।

सुबह नौ बजे : राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर एक पुलिया से एक स्थानीय नागरिक को एक महिला का जला हुआ शव मिला। पुलिस ने परिवार को सूचित किया और शव की पहचान की गई।

29 नवंबर : साइबराबाद पुलिस ने चार आरोपियों -- मोहम्मद उर्फ आरिफ (26) जोल्लू शिवा (20), जोल्लू नवीन (20) और चिंताकुंता चेन्नकेशवुलु उर्फ चेन्ना (20)-- को गिरफ्तार किया। ये सभी नारायणपेट जिले के रहने वाले थे।

30 नवंबर : मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देर करने के आरोप में तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया। आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। शहर में प्रदर्शन होने लगे। आरोपियों को ले जा रही पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया गया। आरोपियों को चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार के उच्च सुरक्षा वाले एकान्त कारावास में रखा गया।

एक दिसंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत बनाने की घोषणा की और पीड़िता के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

तीन दिसंबर: तेलंगाना सरकार ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए महबूबनगर की प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत को विशेष अदालत के तौर पर नामित किया।

चार दिसंबर : शादनगर की एक अदालत ने चारों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। 

गोलीबारी की घटना जब हुई, उस समय आरोपियों के हाथों में हथकड़ी नहीं थी और यह घटना आज सुबह पांच बजकर 45 मिनट से सवा छह बजे के बीच हुई। मुठभेड़ का ब्यौरा देते हुए शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बरामद किए गए एक मोबाइल फोन और अन्य सामग्री के मद्देनजर आरोपियों के ‘कबूलनामे’ के आधार पर पुलिस टीम वहां उन्हें वहां लेकर गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘सभी चारों आरोपी एकसाथ हो गए, उन्होंने ईंट-पत्थर तथा अन्य चीजों से पुलिस दल पर हमला बोल दिया।

इसके बाद उन्होंने हमारे दो अधिकारियों से उनके हथियार छीन लिए और गोलीबारी की। ’’ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे अधिकारियों ने संयम रखा और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा। लेकिन, उन्होंने नजरअंदाज करते हुए गोलीबारी की और हमला करते रहे, इसके बाद हमारे लोगों ने जवाबी कार्रवाई की और इसमें चारों आरोपी मारे गए।’’

घायल हुए एक पुलिस उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल के सिर तथा अन्य हिस्से में चोट आयी और उनका उपचार चल रहा है । सज्जनर ने कहा कि पुलिस प्रदेश के अन्य भागों व आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से इससे मिलते-जुलते मामलों का ब्योरा जुटा रही है ताकि इनमें चारों आरोपियों की किसी भूमिका का पता लगाया जा सके।

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