रांचीः झारखंड में सियासी सरगर्मियां एक बार फिर से तेज हो गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज चाईबासा में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार का शंखनाद कर दिया है। चाईबासा में उन्होंने विजय संकल्प महारैली को संबोधित किया।
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने झारखंड को तबाह कर दिया है। जब हमारी सरकार यहां थी तो हमारी सरकार ने यहां शिक्षा और विद्युत, हर तरह का काम शुरू किया था। लेकिन फिर ऐसी सरकार आई जिसने राज्य को तबाह कर के रख दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित होने के साथ गृहमंत्री ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि जय जोहार, सभी वीर आदिवासी नेताओं और इस महान भूमि को मेरा सादर नमन। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मैं यहां चाईबासा में उपस्थित हूं। यहां के वीर जनजातीय नेताओं को मेरे गुजरात समेत पूरा देश सम्मान देता है। इस दौरान उपस्थित भीड ने जय श्रीराम के नारों से माहौल को गुंजायमान कर दिया।
अमित शाह ने हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि हेमंत सोरेन झारखंड को बर्बाद करने पर तुले हैं। झारखंड की जनता ने बड़ी उम्मीद के साथ उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने झारखंड की भलाई के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे कि जनता में खुशी हो।
उन्होंने हेमंत सोरेन से सवाल किया कि आपने क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया? यह बात झारखंड के लोगों को बता दीजिए। उन्होंने कहा, आज झारखंड में आदिवासियों की जमीन हड़पने वाले सक्रिय हैं और हेमंत भाई, अपनी किसी जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे हैं। अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए जो आप कर रहे हो उसके लिए आपको माफी नहीं मिलेगी।
अमित शाह ने कहा कि ये सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है। पूरे भारत की गरीबी यहां से मिटाई जा सकती है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इस राज्य का मुख्यमंत्री तो जनजातियों का है मगर ये उन्ही का विरोधी है। भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। जबरन उनकी जमीन लूटी गई है।
राज्य में घुसपैठिओं से रक्षा करने की जिम्मेदारी किनकी है उनकी है या नहीं, लेकिन अपनी वोट बैंक के लिए जो माता बहनों के साथ जो वो कर रहे हैं, जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। इसका परिणाम उन्हें 2024 में देखने को मिल जाएगा, 2024 में कमल खिल जाएगा। राज्य में नौकरी के नाम पर युवाओं और खतियान के नाम पर आदिवासियों के साथ धोखा हुआ है।
अमित शाह ने झारखंड में बाबा वैद्यनाथ के दर्शन किए, नैनो यूरिया कारखाने की आधारशिला रखी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की और नैनो यूरिया कारखाने की नींव रखी। देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने यहां मीडिया को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि शाह देवघर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सीधे बाबा वैद्यनाथ का दर्शन पूजन करने सपरिवार पहुंचे और मंदिर में विशेष पूजा की।
बाद में उन्होंने एक भव्य कार्यक्रम में नैनो यूरिया कारखाने की नींव रखी। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर देश की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद बाबा वैद्यनाथ से मांगा। पूजा के उपरांत केंद्रीय गृह मंत्री को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता बादल द्वारा मंदिर श्राईन बोर्ड की तरफ से अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह समर्पित कर अभिनंदन किया गया।
बाद में गृहमंत्री ने अपराह्न लगभग ढाई बजे जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र के इफको ग्राउंड में देश के पांचवें नैनो यूरिया कारखाना परिसर की नींव रखी। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के प्रबन्ध निदेशक यू एस अवस्थी ने बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 450 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले देश के इस पांचवें नैनो यूरिया कारखाना परिसर की शनिवार को नींव रखी। उन्होंने बताया कि यह देश का पांचवां नैनो यूरिया कारखाना होगा। दुनिया के पहले नैनो यूरिया कारखाने का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष गुजरात में किया था।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र में ही दोपहर तीन बजे भाजपा की विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। अमित शाह इससे पहले 12 सितंबर 2019 में बाबा मंदिर में पूजा करने के लिए यहां पहुंचे थे। शाह शाम को रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ के शताब्दी समारोह में भी भाग लेंगे। शाह के झारखंड दौरे को वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री ने इससे पहले जनवरी में चाईबासा का दौरा किया था।
हेमंत सोरेन सरकार से दूसरे देशों से आने वाले विदेशियों की घुसपैठ रोकने की मांग की थी जो ‘‘ झारखंड की आदिवासी महिलाओं से विवाह कर केवल जमीन पर कब्जा करने आ रहे हैं।’’ वर्ष 2019 के आम चुनावों में भाजपा ने झारखंड की चौदह लोकसभा सीटों में से अपनी सहयोगी आज्सू की एक सीट को मिलाकर कुल 12 सीटें जीतने में सफलता हुई थी जबकि उसी वर्ष के अंत में हुए विधानसभा चुनावों में चुनाव पूर्व गठबंधन करने में विफल रही भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी थी और उसे बहुमत के लिए आवश्यक 41 सीटों की जगह सिर्फ 25 सीटों से संतोष करना पड़ा था।