Holi 2025 Date: देशभर में शुक्रवार को होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन बिहार में रंगों के पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति रही। इस बार होली का त्योहार आधे लोगों द्वारा शुक्रवार को मनाया जा रहा है, जबकि आधे लोग इसे शनिवार को मनाने जा रहे हैं। गुरुवार की आधी रात को अगजा, अर्थात् होलिका दहन के बाद भी यह असमंजस जारी है, जिसका कारण महत्वपूर्ण है। बिहार में सूर्य के उदय और अस्त के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, जिसके चलते आधा बिहार आज होली का जश्न मना रहा है, जबकि बड़ी संख्या में लोग शनिवार को इसे मनाने का निर्णय ले रहे हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार रात 10:47 बजे होलिका दहन का समय निर्धारित था, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। जिसके बाद सुबह से ही लोग होली के मूड में आ गये थे। होलिका दहन के साथ होली का खेला गया। लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाने लगे। वहीं होलिका दहन के दौरान लोगों ने होली के खूब गीत गाए और डांस किया।
शहर से लेकर देहात क्षेत्रों तक में जगह-जगह होलिका रखी गई तो महिलाओं ने सुबह से पूजा अर्चना शुरू कर दी थी। होलिका दहन के समय पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। शुक्रवार को सीवान, छपरा में रंगोत्सव मनाया जा रहा है। बाकी पटना समेत कई जिलों में होली शनिवार को मनाई जाएगी।
हालांकि एक-दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर होली की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पटना समेत पूरे बिहार में रंग और गुलाल उड़ने लगे हैं। बच्चों और युवाओं की टोली होली होली मना रही है। होली के मौके पर बिहार में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे और एकता का प्रतीक है।
यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। बिहार में होली के अवसर पर विशेष उत्साह देखने को मिलता है। यहां के लोग पारंपरिक गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। गांवों और शहरों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।