भाजपा अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में शुक्रवार को पेश आम बजट को ‘‘नये भारत’’ को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को परिलक्षित करने वाला बजट करार दिया।
उन्होंने कहा कि यह ‘‘किसानों को समृद्ध और गरीब को सम्मानपूर्ण जीवन’’ व्यतीत करने में सहायक होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में आम बजट प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद गृह मंत्री ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा,‘‘ बजट में मध्यम वर्ग को उनके कठिन परिश्रम का फल और भारतीय उद्यमियों को मजबूती मिलेगी। यह सही अर्थों में उम्मीद और सशक्तिकरण का बजट है।’’
शाह ने कहा कि वित्त मंत्री ने नये भारत के निर्माण के लिये बजट पेश किया है जो ‘‘समावेशी और प्रगतिशील राष्ट्र की बुनियाद रखने वाला है’’ । बजट किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है । उन्होंने कहा कि नये भारत का बजट पिछले पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था, आवास, आधारभूत ढांचा और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विविध क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्यों को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि इस आधार पर यह उम्मीद का भाव जागृत करता है कि आने वाले वर्षों में भारत 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। अमित शाह ने कहा कि वित्त मंत्री ने ‘‘भविष्योन्मुखी बजट’’ पेश किया है । यह बजट ऐसे क्षेत्रों का समावेशी खाका प्रस्तुत करता है जो हमारे नागरिकों को विकास एवं नवोन्मेष के पथ पर आगे ले जायेगा।
उन्होंने कहा कि इसमें स्वच्छ ऊर्जा और कैशलेस लेनदेन पर जोर दिया गया है जो सही दिशा में उठाया गया कदम है। गृह मंत्री ने कहा कि नये भारत के लिये आज का बजट प्रत्येक नागरिकों को पेयजल, पूरे देश को बिजली सम्पर्क से जोड़ने और विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के हमारे सामूहिक सपने को पूरा करने का मंच तैयार करता है। यह बजट भारत को अधिक विविधतापर्ण स्टार्ट अप केंद्र बना सकेगा।
ये बजट देश का तेजी से विकास सुनिश्चित करने वाला है : जावड़ेकर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को संसद में पेश आम बजट को देश का तेजी से विकास सुनिश्चित करने वाला ‘‘सर्वसमावेशी बजट’’ बताया। जावडेकर ने संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘अगर विश्व में आज हमारी छठी सबसे बड़ी अथर्व्यवस्था है तो उसे तीसरे चौथे स्थान पर लाने का दर्शन पेश करने वाला यह बजट है।’’
उन्होंने कहा कि जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो गरीब की सुविधायें बढ़ती हैं, सबकी आय बढ़ती है और इसका पूरा रोडमैप इस बजट में दिखता है। जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त भारत, समृद्ध भारत के संदेश को ध्यान में रखते हुये बजट में आधारभूत ढांचे को मजबूती प्रदान करने और इस पर सौ लाख करोड़ रुपये के दस साल में व्यय की कार्ययोजना की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के उपायों को जिक्र किया गया है जिससे मेक इन इंडिया मुहिम को गति मिल सके, साथ ही आम आदमी की गुजर बसर आसान हो सके।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पहले बजट में महिलाओं के लिये किये गये विशेष प्रावधानों का जिक्र करते हुये जावड़ेकर ने कहा कि महिलाओं को पांच हजार रुपये अग्रिम राशि (ओवर ड्राफ्ट) की सुविधा दी गयी है।
इसमें कोई भी महिला जरूरत पड़ने पर स्वयं सहायता समूह के मार्फत पांच हजार रुपये प्राप्त कर सकती है, जिसे बाद में चुकाया जा सकेगा। साथ ही महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को एक लाख रुपये तक के कर्ज की भी बजट में घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुये वित्तीय घाटे को तीन बिंदु तक ही सीमित रखा है और सकल कर बढ़े हैं लेकिन इसकी दर में बढ़ोतरी नहीं की है। इसके अलावा राज्यों को आवंटित होने वाली राशि में 18 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। इसलिये इसे सभी लिहाज से ‘‘प्रगतिशील बजट’’ कहा जा सकता है।