JNU ने रोमिला थापर की मांगी सीवी, पंखुड़ी पाठक ने कहा- वे पूरे खानदान की डिग्री दिखा देंगी, तुम मोदी की डिग्री दिखा दो 

By रामदीप मिश्रा | Published: September 2, 2019 06:47 PM2019-09-02T18:47:13+5:302019-09-02T18:47:13+5:30

रोमिला थापर 1970 में जेएनयू से जुड़ीं और 1992 तक प्राचीन भारतीय इतिहास की प्रोफेसर रहीं हैं। 1993 से बतौर एमेरिटस प्रोफेसर सेवाएं दे रही हैं।

historian romila thapar cv issue: pankhuri pathak attacks on narendra modi | JNU ने रोमिला थापर की मांगी सीवी, पंखुड़ी पाठक ने कहा- वे पूरे खानदान की डिग्री दिखा देंगी, तुम मोदी की डिग्री दिखा दो 

File Photo

Highlightsजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेनयू) द्वारा इतिहासकार रोमिला थापर से उनका बायोडेटा मांगे जाने का मामला विवादों की वजह बन गया है, जिसके बाद ट्विटर पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली है। कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक रोमिला थापर के समर्थन में उतर आई हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों पर जमकर निशाना साधा है। 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेनयू) द्वारा इतिहासकार रोमिला थापर से उनका बायोडेटा मांगे जाने का मामला विवादों की वजह बन गया है, जिसके बाद ट्विटर पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली है। इस दौरान कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक रोमिला थापर के समर्थन में उतर आई हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों पर जमकर निशाना साधा है। 

पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'रोमिला थापर अपने पूरे खानदान की डिग्री दिखा देंगी.. तुम बस मोदी जी की डिग्री दिखा दो.. ठीक है भक्तों?' उनका यह ट्वीट वायरल हो गया। 


एक यूजर ने लिखा, 'संविधान में कहाँ लिखा है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले या बनने के बाद डिग्री दिखाना जरूरी है? या फिर ये संविधान भी अब आपके अनुसार चलेगा?'

एक अन्य यूजर ने कहा, 'आजकल डिग्री-बिगड़ी से कुछ नहीं होता है, जिसके पास दिमाग है वह बिना डिग्री के भी ऐसी-ऐसी सफलता है पा लेते हैं.... जो डिग्री वाले भी नहीं पा सकते हैं..! समझ गई #चमची... प्रियंका पाठक।'

रोमिला थापर से उनकी सीवी मांगे जाने को लेकर शिक्षकों और इतिहासकारों के बीच बहस छिड़ी हुई है। जेएनयू का इस मामले पर कहना है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत की रोमिला थापर से सीवी मांगा है। रोमिला थापर 1993 से बतौर एमेरिटस प्रोफेसर जेएनयू से जुड़ी हैं।

यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उन्होंने रोमिला थापर को पत्र लिखकर सीवी नियमों के तहत ही मांगे हैं। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, रोमिला थापर की उम्र 75 के पार है, ये सीवी सिर्फ इसलिए ताकी उनकी उपलब्धता और विश्वविद्यालय के साथ उनके संबंध को जारी रखने की उनकी इच्छा का पता चल सके।

रोमिला थापर के बारे में जानें तो वह 1970 में जेएनयू से जुड़ीं और 1992 तक प्राचीन भारतीय इतिहास की प्रोफेसर रहीं हैं। 1993 से बतौर एमेरिटस प्रोफेसर सेवाएं दे रही हैं। यूनिवर्सिटी ने सीवी प्रशासन सेवा विस्तार के पूर्व उनके काम का मूल्यांकन के लिए मांगा है। 

Web Title: historian romila thapar cv issue: pankhuri pathak attacks on narendra modi

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