Hindu Swabhiman Yatra in Bihar: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा 18 अक्टूबर से बिहार में निकाले जा रहे ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ को लेकर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दल राजद और कांग्रेस के द्वारा ऐतराज जताए जाने के बाद अब भाजपा की सहयोगी दल जदयू एवं लोजपा(रा) ने भी नाराजगी जताई है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए संविधान की शपथ का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सात निश्चय पार्ट 2 पर काम हो रहा है। नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में किस धर्म के लोगों के साथ कोई परेशानी होती है तो अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए नीतीश कुमार के नाम पर चल पड़ते हैं।
बिहार के लोग पहले से जगे हुए हैं और उनको जगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार सीमांचल में हिंदू हो या मुसलमान हों, सबों के लिए एक जैसा काम कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमांचल क्षेत्र में विकास कार्यों की एक मजबूत नींव रखी है। नीतीश कुमार ने हिंदू मंदिरों के साथ-साथ समाज के अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास किया है।
नीरज ने कहा कि नीतीश कुमार ने सामाजिक सौहार्द्र की पूंजी को मजबूत किया है, जिसे बरकरार रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान कहता है कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी को समान रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संविधान की शपथ लेकर ही जनता की सेवा की जानी चाहिए।
वहीं, जदयू के अलावा, एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी लोजपा(रा) के सांसद अरुण भारती ने कहा कि भाजपा को हिंदू धर्म के अंदर मौजूद जाति व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में अभी भी जातिगत भेदभाव मौजूद है और भाजपा को इस समस्या को भी सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी समुदायों के साथ हो रहे अन्याय को भी दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि सभी हिंदू भाई-बहन एकजुट हो सकें।