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हिंदू महासभा ने मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर जेएनयू का नाम बदलने की मांग की, कहा- 'वीर सावरकर के नाम पर रखा जाए'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 11, 2022 22:16 IST

हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पत्र लिखकर जेएनयू का नाम बदलने की मांग की है। पत्र में चक्रपाणि महाराज ने गृह मंत्रालय से मांग की है कि जेएनयू का नाम बदलकर वीर सावरकर यूनिवर्सिटी कर दिया जाए।

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ठळक मुद्देजेएनयू में हुए रामनवमी विवाद पर हिंदू महासभा ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को चिट्ठी लिखी हैचिट्ठी में चक्रपाणि महाराज ने जेएनयू का नाम बदलकर वीर सावरकर के नाम पर किये जाने की मांग की हैहिंदू महासभा का आरोप है कि जेएनयू में देश विरोधी ताकतें भारत के टुकड़े करने की बात करते हैं

दिल्ली: रामनवमी के दिन जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कावेरी छात्रवास में छात्रों को मेस में मांस परोसे जाने का विवाद में  हिंदू महासभा भी कूद पड़ा है।

हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पत्र लिखकर जेएनयू का नाम बदलने की मांग की है। पत्र में चक्रपाणि महाराज ने गृह मंत्रालय से मांग की है कि जेएनयू का नाम बदलकर वीर सावरकर यूनिवर्सिटी कर दिया जाए।

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को लिखे पत्र में कहा गया है कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुछ अलगाववादी तत्व और टुकड़े-टुकड़े गैंग द्वारा राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर पाकिस्तान के इशारे पर देश विरोधी नारे लगाए जाते हैं और देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात की जाती है। इनके द्वारा कभी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जाता है तो कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी वीर सावरकर का अपमान किया जाता है।

पत्र में चक्रपाणि महाराज ने कहा कि केंद्रीय मंत्री से कहा है कि जेएनयू का नाम वीर सावरकर यूनिवर्सिटी कर देना चाहिए और बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लगाने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने का आग्रह करता हूं।

दरअसल रामनवमी के दिन बीते रविवार को जेएनयू कैंपस में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद (एबीवीपी) और लेफ्ट समर्थक आइसा के छात्रों के बीच कथित तौर पर कावेरी छात्रावास के मेस के खाने में मांसाहार दिये जाने को लेकर हिंसक झड़प हुई।

लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के लोग उन्हें मेस में मांसाहारी भोजन करने से रोक रहे हैं, जबकि एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि उन्हें छात्रावास की मेस में मांस परोसे जाने से कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि में लेफ्ट समर्थक छात्र रामनवमी की पूजा को भंग करना चाहते थे।

गौरतलब है कि हिंदू महासभा और उसके प्रमुख चक्रपाणि महाराज लगातार विवादित बयानों और कार्यक्रमों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में हिंदू महासभा की ओर से हिंदू नववर्ष के मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस की गई थी, जिसमें सभा की ओर से एक विवादित कैलेंडर जारी किया था।

जिसमें मुस्लिमों के पवित्र तीर्थ मक्का को मक्केश्वर महादेव मंदिर, मथुरा के शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल को तेजो महालय शिव मंदिर, मध्यप्रदेश के धार स्थित कामिल मौला मस्जिद को भोजशाला, काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा कुतुब मीनार को विष्णु स्तम्भ के रूप में दिखाया गया था।  

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)हिंदू त्योहारराम नवमीVeer Savarkar
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