नागपुर के एक हिंदू परिवार ने जबलपुर से लापता मुस्लिम बच्चे की सात साल तक परवरिश कर अनूठी मिसाल पेश की है। मुस्लिम लड़के को हिंदू परिवार में बेटे जैसा प्यार मिला और 12 जुलाई को यह लड़का एक बार फिर नागपुर पहुंचा है। उस मां का जन्मदिन मनाने के लिए जिसने उसे इन सालों में अपने बच्चे की तरह बेहद प्रेम और स्नेह से पाला।
साल 2012 में यह लड़का जबलपुर से लापता हो गया था। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था। इसलिए घर के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दे सका और भटकता हुआ नागपुर स्टेशन पर पहुंच गया। परिजनों के अनुसार, वह पुलिस को भी अपने परिवार के बारे में नही बता सका था। जिसके बाद पुलिस ने उसे सरकारी बाल सुधार गृह में भेज दिया। फिर बाल गृह बंद हो गया। जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता समर्थ दामले उसे अपने घर ले गए।
बाल गृह बंद होने के बाद हर कोई अपने घर चला गया, लेकिन आमिर को लेने के लिए उसके परिवार से कोई नहीं आया। ऐसे वक्त में उसका साथ दिया समर्थ दामले और उनकी पत्नी लक्ष्मी ने। दोनों ने मिलकर उसका नाम अमन रखा।
इस साल एसएससी की परीक्षा के लिए आमिर का आधार कार्ड बनवाना था। हालांकि आधार कार्ड नहीं बन रहा था। उन्हें इस बारे में जानकारी मिली कि उसका आधार कार्ड आमिर के नाम से पहले से ही बना हुआ है। जिस पर उसका पता जबलपुर का लिखा हुआ था। इसी के बाद समर्थ दामले ने आमिर के माता-पिता का पता चला।
इसी साल 30 मई को आमिर अपने मुस्लिम माता-पिता के पास लौट गया। हालांकि आमिर को पालने वाली मां लक्ष्मी से उसने वादा किया था कि वो उनके जन्मदिन पर जरूर आएगा। आमिर ने अपना वादा निभाया और 12 जुलाई को जन्मदिन पर आमिर उनसे मिलने के लिए पहुंचा।