नई दिल्ली: संसद के नए भवन के उद्घाटन से जुड़े विवाद के बीच असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया है। संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम मोदी के बजाय राष्ट्रपति के हाथों करवाने की मांग कर रही कांग्रेस को हिमंत बिस्वा सरमा ने जवाब दिया है।
एक ट्वीट कर के असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "पिछले 9 वर्षों में - 5 गैर-भाजपा/विपक्षी राज्य सरकारों ने नए विधान सभा भवन का उद्घाटन या शिलान्यास किया। यह सब या तो मुख्यमंत्री ने किया या फिर पार्टी अध्यक्ष ने। एक भी मौके पर राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था।"
असम के मुख्यमत्री ने उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि 2014 में झारखंड और आसाम में यूपीए के मुख्यमंत्रियों ने विधानभवनों का उद्घाटन किया था और राज्यपाल या राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया था। 2018 में आंध्र के सीएम ने नए विधानभवन का उद्घाटन किया था और राज्यपाल को नहीं बुलाया गया। 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ के विधानभवन का शिलान्यास किया था।2023 में तेलंगाना असेंबली का उद्घाटन मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था। तब भी राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था
इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने ने कहा था, "अगस्त 1975 में, तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था। बाद में 1987 में पीएम राजीव गांधी ने संसद के पुस्तकालय का उद्घाटन किया। अगर आपकी (कांग्रेस) सरकार के मुखिया उनका उद्घाटन कर सकते हैं, तो हमारी सरकार के मुखिया ऐसा क्यों नहीं कर सकते?"
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को दोपहर 12 बजे से हवन पूजन के साथ नव निर्मित नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहेंगे। पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए मांग की थी कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस को अन्य पार्टियों का साथ भी मिला है।
कांग्रेस ने नए संसद भवन को पीएम मोदी के 'व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना' बताया है। वहीं राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद भवन बनाने का पूरा प्रयास नरेंद्र मोदी जी का है। नरेंद्र मोदी के कोई अच्छे काम राहुल गांधी को नहीं दिखते हैं।