हिमाचल प्रदेश में सोमवार शाम तक पिछले 24 घंटे में हुई भारी बारिश के कारण व्यापक तबाही हुई है और कई स्थानों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित लगभग 795 सड़कें बंद हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 956 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 517 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मंडी, कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर और कुल्लू जिलों में जिला प्रशासन ने बारिश को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। कांगड़ा ज़िले के इंदौरा, फ़तेहपुर, जसूर और नूरपुर इलाक़ों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इंदौरा के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों से सात लोगों को बचाया, जहां वार्ड संख्या एक और दो जलमग्न हुए।
दारनु और मैकलोडगंज में कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया, जबकि सुपल्ली पेयजल आपूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त होने से धर्मशाला के कुछ हिस्सों में पेयजल की भारी कमी हो गई। हमीरपुर में एक तहसील कार्यालय में भी पानी घुस गया। धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने कहा, ‘‘भारी बारिश के कारण करमू मोड़, झिकली बरोल, जदरांगल, बैराग, धर्मशाला बाईपास, डंपिंग साइट और कुछ अन्य स्थानों पर नुकसान हुआ है। तत्काल राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।’’ धर्मशाला शहर के बाहरी इलाके सुधेड़ पंचायत के वार्ड नंबर चार में मुख्य सड़क के क्षतिग्रस्त हो जाने से लगभग 60 परिवार फंस गए हैं। भूस्खलन के कारण धर्मशाला के आसपास सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भूस्खलन के खतरे के कारण मैकलोडगंज जाने वाला रोपवे बंद कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, ‘‘चंबा जिले में मेरे विधानसभा क्षेत्र भटियात की सुंडली पंचायत में पांच घर ढह गए हैं। मैंने पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए उपायुक्त से बात की है।’’ मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि स्थानीय मौसम कार्यालय ने मंगलवार के लिए जिले में ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है और एहतियात के तौर पर शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
भरमौर के अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) कुलदीप सिंह राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर मणिमहेश यात्रा स्थगित कर दी गई है। यात्रा 17 अगस्त को शुरू हुई थी और 15 सितंबर को समाप्त होगी। राज्य के कई हिस्सों में रविवार शाम से बारिश हुई, जिसमें बिलासपुर जिले के काहू में 190.5 मिलीमीटर, नेरी में 187 मिलीमीटर, जोत में 159.2 मिलीमीटर, बर्थिन में 156.4 मिलीमीटर, धर्मशाला में 149.4 मिलीमीटर, नैना देवी में 148.4 मिलीमीटर, घाघस में 148 मिलीमीटर, बिलासपुर में 140.8 मिलीमीटर, भटियात में 140.2 मिलीमीटर, मलरांव में 120 मिलीमीटर, अंब में 111 मिलीमीटर, अघार में 110.6 मिलीमीटर और बंगाणा में 104 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विभाग ने कहा कि शिमला, सुंदरनगर, कांगड़ा, पालमपुर, जोत, मुरारी देवी और भुंतर में गरज के साथ बारिश हुई। राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि 795 सड़कों में से, मंडी जिले में 289, चंबा में 214 और कुल्लू में 132 सड़कें बंद हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट और सैंज) भी बंद हैं। एसईओसी ने बताया कि 20 जून से 25 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लोग लापता हैं। एसईओसी ने कहा है कि राज्य में अब तक अचानक बाढ़ की 77 घटनाएं, 41 बार बादल फटने और भूस्खलन की 81 घटनाएं हुई हैं। वर्षा जनित हादसों में हिमाचल प्रदेश को 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य में जारी मानसून के मौसम के दौरान एक जून से 25 अगस्त तक 703.7 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है, जो औसत 579.9 मिलीमीटर वर्षा से 22 प्रतिशत अधिक है।