Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और जगह-जगह तबाही के मंजर देखे जा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ राज्य के प्रमुख शहरों में पानी की भीषण किल्लत हो गई है। नदियों के तेज बहाव के कारण पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिसके कारण लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
लगातार भारी बारिश के बीच शिमला को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) टैंकरों के माध्यम से लोगों को पानी की आपूर्ति कर रहा है। शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि आपदा के कारण राज्य को बहुत नुकसान हुआ है। चाहे जल योजनाएं हों, सड़कें हों या बांध हों सबको नुकसान हुआ है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शिमला में निजी टैंकर किराये पर लिए गए हैं और नगर निगम के टैंकर भी पानी मुहैया करा रहे हैं।
राज्य में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। नुकसान का शुरुआती अनुमान 3000 करोड़ रुपये से 4000 करोड़ रुपये के बीच है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ने कहा है कि मौसम अनुकूल होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और निवासियों को निकालने के प्रयास जारी हैं। तीर्थयात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के कारण श्रीखंड महादेव यात्रा को शेष सीज़न के लिए रोकने का निर्देश दिया गया है।
हिमाचल में 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग गंभरोला के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है। पानी की ताकत इतनी है कि घर ताश के पत्ते की तरह गिर रहे हैं और गाड़ियां तिनके की तरह बह रही हैं।
प्रदेश में 1300 से 1400 बस रूट से निलंबित हैं। कुल्लू में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, कुल्लू में सभी रूट बंद हैं। दूध-ब्रेड की सोलन, शिमला समेत अन्य जगह जाने वाली सभी गाडियां भी परवाणू से वापस चली गई हैं। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं।