Himachal Pradesh: बुधवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से कबीना मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे के बाद, मौजूदा सरकार पर संकट के बादल छा गए। इस बीच खुद मुख्यमंत्री सुक्खू ने आलाकमान के समक्ष अपने पद छोड़ने की पेशकेश कर दी है। ऐसे में अब गेंद आलाकमान के पास चली गई है। अब, इसका निर्णय हाईकमान अपने भेजे दूत यानी पर्यवेक्षक डिप्टी सीएम डी शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सलाह पर करेगा।
इस घटनाक्रम के अलावा बीते मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव 2024 में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक राज्य विधानसभा पहुंच गए हैं। इस्तीफे की इन पेशकेश से राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है और अब नाराज विधायकों और मंत्रियों से पर्यवेक्षक उनके मन की बात जानने की कोशिश करेंगे।
3 निर्दलीय विधायक ने वापस लिया समर्थनअब 3 निर्दलीय विधायकों ने मौजूदा सुक्खू सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की। अभी कांग्रेस के कुल 40 विधायक हैं, भाजपा के 25 और 3 निर्दलीय विधायक हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायकों की संख्या है।
राज्यसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और ऐसे में सरकार के पास संख्याबल का खतरा बढ़ गया था। फिर, आज सुबह ही हिमाचल सरकार में कबीना मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने इस दौरान कहा कि और भी विधायक, मंत्री नाराज है। विक्रमादित्य ने इंटरव्यू में कहा, "हमने आलाकमान को सबकुछ बता रखा था, लेकिन कोई भी एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद भी सरकार में उन्हें नजरअंदाज किया गया"।
मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव 2024 में भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने भाजपा के विधानसभा में संख्याबल न होने के बावजूद क्रॉस वोटिंग के कारण आसानी से जीत दर्ज की। जीते हुए भाजपा सांसद ने बीते दिन ही कह दिया था कि जैसे ही वो जीतेंगे, वैसे ही सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से संकट के बादल छा जाएंगे।