उच्च न्यायालय ने दृष्टिहीन महिला का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा
By भाषा | Updated: July 10, 2021 21:17 IST2021-07-10T21:17:02+5:302021-07-10T21:17:02+5:30

उच्च न्यायालय ने दृष्टिहीन महिला का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा
चेन्नई, 10 जुलाई मद्रास उच्च न्यायालय ने एक दृष्टिहीन महिला का अपहरण कर उसका यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक ऑटोरिक्शा चालक को दोषी ठहराने और सात साल के कठोर कारावास की सजा देने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति आर एम टी टीका रमन ने अप्रैल 2015 में महिला अदालत द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखने के साथ पीड़िता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। न्यायाधीश ने सजा को चुनौती देने वाले अंबू सेलवन की अपील को खारिज करते हुए कहा कि वह सजा में रियायत का हकदार नहीं हैं। उसने दलील दी थी कि कारावास की अवधि पर विचार करने के बाद उसे रिहा किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता एक बेरहम व्यक्ति प्रतीत होता है, जिसने असहाय दृष्टिहीन महिला की लाचार स्थिति का फायदा उठाया।’’ न्यायाधीश ने कहा कि यह साबित हुआ है कि उसने यौन उत्पीड़न किया और इसलिए इस अदालत का मानना है कि आरोपी सजा में एक दिन की भी छूट का हकदार नहीं है।
घटना की तारीख को ध्यान में रखते हुए और आरोप साबित हो जाने के मद्देनजर न्यायाधीश ने तमिलनाडु राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को ‘‘तमिलनाडु पीड़ित मुआवजा योजना’’ के तहत पीड़िता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
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