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चप्पल पहनकर गार्ड ऑफ ऑनर लेने पहुंचे हेमंत सोरेन, खुद बताई इस तस्वीर की सच्चाई, कहा- दकियानूसी परंपरा को मैं नहीं मानता  

By रामदीप मिश्रा | Updated: January 3, 2020 19:55 IST

हेमंत सोरेन झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। झारखंड में पिछले दिलों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।

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ठळक मुद्देझामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की एक तस्वीर वायरल हो रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर की परम्परा का पालन नहीं किया।सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी उस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए सच्चाई बयां की है। 

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की एक तस्वीर वायरल हो रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर की परम्परा का पालन नहीं किया। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी उस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए सच्चाई बयां की है। 

उन्होंने फेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'इस तस्वीर को जहाँ कुछ लोग मेरी सादगी से जोड़ रहे हैं तो वहीं इक्का दुक्का लोग मुझे यह भी बता रहे हैं की चप्पल पहन मैंने गार्ड ऑफ ऑनर ले परम्परा का पालन नहीं किया। सच्चाई यह है की पुलिस के जवान भाई मेरे इंतेजार में बारिश में काफी पहले से खड़े कर दिए गए थे इसलिए मैं जिस रूप में था- सबसे पहले उनका सम्मान कर उन्हें मुक्त करना आवश्यक था।'

आगे उन्होंने कहा, 'और दूसरी बात की चप्पल जूतों का रिवाज अंग्रेज़ों द्वारा बनायी गयी दकियानूसी परम्परा है जिसे मैं नहीं मानता। पिछली शासन द्वारा मुख्यमंत्री के हर दौरे पर दिया जाने वाली इस परम्परा को मैं जल्द से जल्द समाप्त करने को संकल्पित हूँ ताकि हमारे पुलिसकर्मी VIP रूढ़िवादिता में समय व्यर्थ करने की जगह वो समय जनता की सेवा में लगा सकें।'

आपको बता दें कि हेमंत सोरेन झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। झारखंड में पिछले दिलों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं। 

टॅग्स :हेमंत सोरेनझारखंडझारखंड मुक्ति मोर्चा
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