(परिवर्तित स्लग के साथ)
उदगमंडलम (तमिलनाडु), 13 दिसंबर भारतीय सेना ने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बचाव गतिविधियों में मदद करने वाले स्थानीय लोगों को सोमवार को यहां धन्यवाद दिया। उसने कहा कि ग्रामीण मृतकों के लिए 'भगवान' की तरह थे।
मुख्यालय दक्षिण भारत के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण, ने ग्रामीणों की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि दुर्घटना में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जीवन के लिए 'लड़' रहे हैं और उन्हें उनके प्रयासों का श्रेय देते हुए कहा कि उन्होंने सिंह को जीवित निकाले जाने में मदद की।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सशस्त्र बलों के 11 अन्य कर्मियों की आठ दिसंबर को कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने कहा, “आपमें से कई ने मदद की....पुलिस और सेना ने कहा कि ग्रामीणों की मदद के बिना, उन 14 लोगों को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा पाता...वायु सेना अधिकारी जीवित हैं और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं (बेंगलुरु के अस्पताल में)...अगर वह जिंदा हैं तो आपकी वजह से है।” उन्होंने यह भी कहा कि किसी का जीवन बचाना अनमोल है।
नंजप्पासथीरम में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अरुण ने कहा, “आप उन 14 लोगों के लिए भगवान की तरह थे। आपका बहुत शुक्रिया।”
उन्होंने गांव में एक सायबान के निर्माण की भी घोषणा की ताकि इसके निवासियों को सभाओं और समारोहों को आयोजित करने में मदद मिल सके।
चेन्नई से पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल अरुण ने कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना स्थल का दौरा किया। मुख्यालय दक्षिण भारत द्वारा गांव को गोद लेने की घोषणा करते हुए उन्होंने स्थानीय लोगों को कंबल, राशन सामग्री और सोलर इमरजेंसी लैंप बांटे।
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