हाथरस भगदड़ कांड का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर गिरफ्तार, आज कोर्ट में होगी पेशी
By अंजली चौहान | Updated: July 6, 2024 08:09 IST2024-07-06T08:09:03+5:302024-07-06T08:09:51+5:30
Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने आत्मसमर्पण कर दिया है और उन्हें यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अधिकारी पूछताछ के लिए उपदेशक भोले बाबा की भी तलाश कर रहे हैं।

हाथरस भगदड़ कांड का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर गिरफ्तार, आज कोर्ट में होगी पेशी
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देव प्रकाश मधुकर उपदेशक नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा के करीबी सहयोगी है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम रखा था। चूंकि, पुलिस मधुकर को गिरफ्तार कर चुकी है ऐसे में 6 जुलाई को उसे हाथरस कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, देव प्रकाश मधुकर ने आत्मसमर्पण कर दिया है। मधुकर के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि मधुकर ने नजफगढ़ में दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, जिन्होंने उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया।
गौरतलब है कि मधुकर की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। भगदड़ के बाद से वह फरार था, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। यूपी पुलिस ने राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों में अपनी तलाश बढ़ा दी थी।
भोले बाबा की तलाश जारी
दूसरी ओर, यूपी पुलिस भोले बाबा को तलाश रही है जिसके सत्संग में यह भगदड़ मची थी। उपदेशक सूरजपाल उर्फ नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा के फुलराई गांव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान 2 जुलाई को दुखद भगदड़ मच गई थी।
घटना के सिलसिले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एफआईआर में देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया है, साथ ही कई अज्ञात आयोजकों के नाम भी हैं। एफआईआर में भोले बाबा का नाम नहीं है। मामला हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
आरोपों में भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (लापरवाही से मौत का कारण बनना), 110 (लापरवाही से मौत का कारण बनने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) और 238 (सबूतों को नष्ट करना) शामिल हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग घटना के पीछे किसी साजिश की संभावना का भी पता लगाएगा।