Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में आयोजित के एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. यह दर्दनाक घटना हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में भोलेबाबा प्रवचन का कार्यक्रम के दौरान घटी. एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह के अनुसार फुलराई गांव में हो रहे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ के कारण 70 लोगों की मौत होने की सूचना है. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे की संख्या अधिक है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि अस्पताल में लगातार घायलों को लाया जा रहा है.
इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों करने के निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होने कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह तथा प्रदेश के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को घटनास्थल पर भेजा है.
एडीजी आगरा तथा अलीगढ़ के कमिश्नर के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी सीएम योगी ने दिया है. बताया जा रहा है कि सुरक्षा के मानकों का पालन ना किए जाने के चलते ही यह दर्दनाक घटना घटी है. पुलिस के उच्चाधिकारियों के मुताबिक, हाथरस के फुलराई गांव में भोलेबाबा के प्रवचन के कार्यक्रम के दौरान अचानक भगदड़ मच गई.
कार्यक्रम में शामिल होने आए सैंकड़ों भक्त भगदड़ की चपेट में आकर घायल हुए. उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. तमाम घायलों का अस्पताल में इलाज हो रहा है. भगदड़ से घायल हुए 23 लोगों की अब तक मौत हुई है. एटा के सीएमओ ने इसकी पुष्टि की है. प्रवचन के दौरान अचानक से भगदड़ क्यों हुई? इसका अभी तक पता नहीं चला है. हादसे के पीछे किसी तरह के अफवाह की बात सामने नहीं आई है.
लोगों का कहना है कि सिक्योरिटी के लोगों ने श्रद्धालुओं को रोक दिया था, जिसके बाद उनमें से कई लोगों दम घुटने की शिकायत होने लगी. इसके बाद वहां भगदड़ मच गई. फिलहाल जिलाधिकारी समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं.
जिस कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मची उसकी अनुमति आयोजक ने ली थी, लेकिन जितनी संख्या आयोजकों ने प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग पहुंचे थे. इस कारण से सुरक्षा के प्रबन्ध धरे के धरे रह गए और इतना बड़ा हादसा हो गया.
कृपालु महाराज के आश्रम में भी ऐसा हादसा हुआ था
यूपी में धार्मिक आयोजनों के दौरान ऐसी घटना पहले भी हुई हैं. कुछ साल पहले ऐसी ही एक घटना प्रतापगढ़ में कृपालु महाराज आश्रम में भी हुई थी. तब आश्रम में आयोजित भंडारे के दौरान कपड़ा और खाना बांटा जा रहा था, जिसके लिए क़रीब आठ हज़ार लोग उस समय वहां इकट्ठे हुए थे. उस दौरान भगदड़ हुई और 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
इसके बाद राज्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की नीति तैयार की गई. इसके बाद भी ऐसे आयोजनों में भगदड़ पर पूरी तरह से अंकुश लगा नहीं हैं. हर वर्ष कहीं ना कहीं ऐसी दुखद घटना हो जा रही है.