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कोरोना पर मोदी सरकार के इस फैसले को मानने से हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने किया इनकार, कहा- कोविड-19 पर केन्द्र की संशोधित नीति से सहमत नहीं

By भाषा | Updated: May 13, 2020 05:10 IST

कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने की अपनी नीति में संशोधन करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब गंभीर मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों की ही आरटी-पीसीआर प्रक्रिया से जांच होगी।

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ठळक मुद्देसंक्रमण के कम असर वाले, मध्यम असर वाले और प्री सिम्टोमैटिक मामलों में मरीज को छुट्टी देने से पहले जांच की अब जरूरत नहीं रहेगी।जब हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने एक आदेश जारी किया है कि हम इसे स्वीकार नहीं करते।

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि वह कोरोना वायरस रोगियों को छुट्टी देने की केन्द्र सरकार की संशोधित नीति से सहमत नहीं हैं। उन्होंने हल्के लक्षणों का सामना कर रहे रोगियों को भी जांच रिपोर्ट में संक्रमण नही होने की पुष्टि के बाद ही छुट्टी देने का आदेश दिया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ विचार-विमर्श के बाद कोविड-19 रोगियों को छुट्टी देने के मामले पर एक संशोधित नीति घोषित की है, जिसके अनुसार कोरोना वायरस के ऐसे रोगी जिनमें अभी भी गंभीर लक्षण दिख रहे हैं या उनकी प्रतिरोधक क्षमता पहले से ठीक है, उन्हें रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के माध्यम से जांच करानी होगी, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें छुट्टी दी जानी चाहिये।

हालांकि ऐसे रोगी, जिनमें मध्यम, हल्के, बहुत हल्के या कोई लक्षण नहीं दिख रहे हों, उन्हें लक्षण खत्म होने के बाद, अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। विज से जब इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ''मैंने एक आदेश जारी किया है कि हम इसे स्वीकार नहीं करते।

जब तक रोगी की ठीक हो जाने के बाद एक बार जांच रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती, तब तक हम मरीजों को अस्पताल से छुट्टी नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि हल्के लक्षण पाए जाने के बाद जांच की जरूरत नहीं बताए जाने को लेकर आपत्ति है।  

बता दें कि कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने की अपनी नीति में संशोधन करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब गंभीर मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों की ही आरटी-पीसीआर प्रक्रिया से जांच होगी। जबकि संक्रमण के कम असर वाले, मध्यम असर वाले और प्री सिम्टोमैटिक मामलों में मरीज को छुट्टी देने से पहले जांच की अब जरूरत नहीं रहेगी।

अब तक लागू नियमों के अनुसार, एक मरीज की 14वें दिन और उसके 24 घंटे अंतराल के बाद रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही अस्पताल से छुट्टी मिलती थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, संशोधित नीति तीन स्तरीय कोविड अस्पतालों में लागू दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाई गई है।

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