बलवंत तक्षक
दिसंबर हरियाणा के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में खट्टर सरकार विशेष तरह की मच्छरदानियां बांटेगी. इन मच्छरदानियों की खासियत यह है कि इनके संपर्क में आते ही मच्छर खुद-ब-खुद ढेर हो जाएंगे. राज्य सरकार ने इन मच्छरदानियों के लिए केंद्र सरकार को अपनी मांग भेज दी है. हरियाणा ढाई करोड़ की लागत से करीब पांच लाख मच्छरदानियां मंगवा रहा है. इन मच्छरदानियों को मेवात क्षेत्र के नूहं जिले में वितरित किया जाएगा. इसके बाद मच्छर जनित बुखार की संभावनाओं वाले दूसरे जिलों में भी ग्रामीणों को मुफ्त बांटा जाएगा.
इन कीटनाशक मच्छरदानियों पर लगाया गया केमिकल अगले तीन साल तक असरकारक रहेगा. मच्छर और अन्य कीट पतंगे इससे टकराते ही मर जाएंगे. हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में बहुत से लोग अपनी चौपालों, बाड़ों व बरामदों में रात को मच्छरदानी लगा कर सोते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सबसे पहले ग्रामीण इलाकों पर ही फोकस किया है. ग्रामीण इलाकों में मच्छर जनित बुखार फैलने की संभावना और मच्छरों की फौज शहरी क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा पाई गई है.
खास किस्म की मच्छरदानियां बांटने के मामले में राज्य के स्वास्थ्य महकमे की इन कोशिशों में केंद्र सरकार भी मदद करेगी. कई जिलों में वितरित की जाएंगे मच्छरदानियां स्वास्थ्य महकमे की डायरेक्टर डॉ. उषा गुप्ता बताती हैं कि 'लांग लास्टिंग इंसेक्टिसाइडल नेट'(एलएलआईएन) नामक यह मच्छरदानियां मेवात क्षेत्र के नूंह अलावा हिसार, रोहतक, सिरसा, फरीदाबाद, गुरु ग्राम, हिसार, झज्जर, पलवल, पंचकूला और रोहतक जिलों के उन ग्रामीण क्षेत्रों में भी वितरित की जाएंगी, जहां इस तरह के बुखार के फैलने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है.