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हरिद्वार महाकुंभः सोमवती अमावस्या पर संतों का शाही स्नान, लाखों ने लगाई गंगा में डुबकी, कई साधु निकले कोरोना पॉजिटिव, टूटे नियम

By एसके गुप्ता | Updated: April 12, 2021 19:33 IST

कोविड के बढ़ते प्रकोप के बीच सोमवती अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान के दिन साधु संतों ने हर—हर महादेव के उद्घोष के साथ गंगा में डुबकी लगाई।

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ठळक मुद्देकैलाशानंद गिरी महाराज ने सबसे पहले गंगा पूजन किया।कोविड 19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ का यह दूसरा शाही स्नान है।हर की पैड़ी तथा अन्य घाटों पर महाकुंभ मेला प्रशासन ने सैनिटाइजर की मशीनें लगाई हैं।

नई दिल्लीः दो महीने चलने वाले कुंभ मेले में सोवामर को सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी पर गंगा में डूबकी लगाकर पवित्र स्नान तो किया लेकिन यहां मेले आयोजकों के सामने सामाजिक दूरी से लेकर मास्क पहनने के सारे नियम धराशायी हुए।

यहां काफी संख्या में साधु संत कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। मेले में सुपर स्प्रेड के खतरा देखते हुए केंद्र ने मेला प्रशासन को एसओपी की याद दिलाते हुए फिर से निर्देश दिया है कि कोविड महामारी और संक्रमण को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को ठीक करें। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश से हर संभव मदद लेते हुए संक्रमितों का इलाज करने के लिए व्यवस्था करें और नियमों का कड़ाई से पालन करें।

केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार 27 फरवरी से शुरू हुए कुंभ मेले में रोजाना 10 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। विशेष दिनों पर यह संख्या 50 लाख पहुंच रही है। 12 साल बाद आयोजित होने वाले इस कुंभ मेले में 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा, 11 मार्च को महाशिवरात्रि, 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल को बैशाखी, 21 अप्रैल  को राम नवमी और 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन विशेष पवित्र स्नान का प्रावधान है। इन विशेष दिनों में हर की पौड़ी से लेकर हरिद्वार में पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

हाल ही में जहां हाइकोर्ट ने कार के अंदर अकेले व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य किया है। वहां हर की पौड़ी पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों से लेकर मास्क पहनने पर किसी का ध्यान नहीं है और प्रशासन यह सब मूक बना देख रहा है। कुंभ मेले से पहले सरकार ने कहा था कि मेले में उन्हीं को आने की अनुमति दी जाएगी जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव होगी और मेले में शिरकत करने वालों को कोरोना के कारण लागू किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ेगा। 

मेले में आए कई जानेमाने साधु-संतों सहित कई लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं। कुछ अखाड़ा प्रमुख भी इसमें शामिल हैं। सोमवार को हुए गंगास्नान के बाद चिंता जताई जा रही है कि कोरोना संक्रमण श्रद्धालुओं के बीच तेज़ी से फैल सकता है। संभावना यह भी है कि संक्रमण श्रद्धालुओं के साथ उनके गांवों और शहरों तक पहुंचेगा।

केंद्र की ओर से जीर एसओपी में साफ कहा गया है कि श्रद्धालुओं को मास्क पहनना है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन, भजन, कीर्तन, स्नान आदि स्थलों पर रखना है। इसके अलावा कुंभ मेले में प्रवेश उन्हीं को दिया जाएगा जिनकी आरटीपीसीआर रपट निगेटिव होगी।

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