हनुमान जयंती: सारंगपुर में 54 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा का अमित शाह ने किया अनावरण, जानें क्या है इस मंदिर की खासियत?
By अंजली चौहान | Published: April 6, 2023 11:43 AM2023-04-06T11:43:16+5:302023-04-06T12:32:42+5:30
गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के सारंगपुर मंदिर स्थित हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया है।
गांधीनगर: हनुमान जयंती के मौके पर आज गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के बोटाद जिले के सारंगपुर मंदिर पहुंचे हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने सारंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया है।
इस दौरान उन्होंने भगवान हनुमान के जल से पैर धोएं और पूरे विधि-विधान से साथ पूजा-अर्चना की। गुजरात में स्थापित भगवान हनुमान की ये मूर्ति काफी खास है।
अहमदाबाद से करीब 150 किलोमीटर दूर सारंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में कष्टभंजन हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा करीब 11 करोड़ रुपये खर्च करके बनाई गई है। पंचधातु से बनी इस प्रतिमा के भक्त मीलो दूर तक दर्शन कर पाएंगे।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah unveils 54 feet tall statue of Lord Hanuman at Sarangpur temple in Botad district on Hanuman Jayanti pic.twitter.com/0IX4XCVKvA
— ANI (@ANI) April 6, 2023
गौरतलब है कि तीन साल से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और इस प्रोजेक्ट का नाम 'किंग ऑफ सारंगपुर' रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, हनुमान भगवान की ये प्रतिमा 30 हजार किलो वजन के साथ 7 किलोमीटर की दूरी से देखी जा सकती है।
परिक्रमा और प्रतिमा निर्माण को 11 हजार 900 वर्ग फीट क्षेत्र में बनाया गया है। इसमें 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। प्रतिमा के ठीक सामने 62 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में एक शानदार बगीचा बनाया गया है, जिसमें करीब 12 हजार लोग एक साथ बैठकर सामने से भगवान हनुमान के दर्शन कर सकेंगे।
हनुमान जयंती के मौके पर प्रतिमा का अनावरण कर सरकार ने हनुमान भक्तों को बड़ा तोहफा दिया है।
ये है मंदिर की मान्यता
गुजरात में स्थित इस मंदिर को लेकर लोगों में काफी आस्था है और इसके लिए एक मान्यता काफी प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां आने से लोगों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बहुत समय पहले जब लोग शनिदेव का प्रकोप झेल रहे थे तब उन्होंने भगवना हनुमान की आराधना की और जिसके बाद हनुमान भगवान ने लोगों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्त कराया था।
मान्यताओं के अनुसार, जब आम जनता शनिदेव के प्रकोप से काफी परेशान हो गई तो हनुमान भगवान गुस्से में आकर उनसे युद्ध करने निकल पड़े। शनिदेव को जैसे ही इसका पता चला वह कोई तरकीब निकालने में जुट गए कि युद्ध न हो। ऐसे में शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया क्योंकि वह जानते थे कि भगवान हनुमान ब्रह्मचारी है और वह स्त्री पर हाथ नहीं उठाएंगे।
हालांकि, हनुमान भगवान ने शनिदेव के स्त्री रूप को पहचान लिया। इसके बाद शनिदेव भगवान हनुमान के चरणों में गिर गए और उनसे माफी मांगने लगे। तभी से यहां हनुमान भगवान का वास हो गया और उन्होंने शनिदेव को अपने पैरों में रख लिया।
तब से लेकर आज तक कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनिदेव स्त्री रूप में विराजमान है और भगवान हनुमान के चरणों में ही है और इसी रूप में वहां विराजमान हैं। इसी रूप में भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।