ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौदी देगा हिन्दू पक्ष

By रुस्तम राणा | Updated: October 14, 2022 17:00 IST2022-10-14T16:49:16+5:302022-10-14T17:00:40+5:30

हिन्दू पक्ष जिला अदालत के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। आदेश के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

Gyanvapi Case: hindu side to challenge varanasi court order for Carbon dating | ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौदी देगा हिन्दू पक्ष

ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौदी देगा हिन्दू पक्ष

Highlightsवहीं हिन्दू पक्ष जिला अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगाअदालत ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग को खारिज कर दियाहिन्दू पक्ष कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग कर रहा है

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद में जिला अदालत ने शुक्रवार को मस्जिद के परिसर में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट का यह आदेश हिन्दू पक्ष के लिए झटका है। कोर्ट ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के परिसर को सील करने के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा है कि कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया से कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। 

वहीं हिन्दू पक्ष जिला अदालत के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। आदेश के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कोर्ट ने ये कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उस जगह को सील कर रखा है इसलिए हम इसमें कोई भी ऑर्डर पास नहीं कर सकते। 

इस सप्ताह की शुरुआत में, मुस्लिम पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वादी द्वारा कार्बन डेटिंग और फव्वारे की वैज्ञानिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई थी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग नुमा पत्थर को जहां मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया है तो वहीं हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है। 

मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति (एआईएमसी) के वकील रईस अहमद ने अपनी दलील में यह कहा था कि "पत्थर की कार्बन डेटिंग संभव नहीं है, क्योंकि पत्थर एक कार्बनिक पदार्थ नहीं है।" इसके अलावा, एआईएमसी के वकील ने जवाब में यह भी कहा कि संरचना सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं है और इसलिए इसकी उम्र को सत्यापित करने के लिए कार्बन डेटिंग या वैज्ञानिक जांच करना 'अप्रासंगिक' है।

Web Title: Gyanvapi Case: hindu side to challenge varanasi court order for Carbon dating

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