गुवाहाटी:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को झारखंड की हेमंत सरकार को गिराने की साजिश पर कड़ी प्रतिक्रिया वक्त करते हुए झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को फर्जी बताया है।
सियासी हलकों में भारी तुफान खड़े करने वाले इस विवाद में अपनी सफाई पेश करने के लिए मुख्यमंत्री सरमा ने ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने अपनी सरकार के सहयोगी मंत्री पीयूष हजारिका के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया और कहा कि झारखंड के कांग्रेस विधायक द्वारा उनके खिलाफ लगाये जा रहे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।
जानकारी के मुताबिक झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश में सीधे तौर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का नाम लिया है और उनके खिलाफ झारखंड में पुलिस शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया गया है कि बंगाल में गिरफ्तार किए गए पार्टी के तीन विधायकों ने उन्हें झारखंड सरकार को गिराने के लिए असम के मुख्यमंत्री से मिलने और करोड़ों रुपये के सौदा करने के लिए गुवाहाटी जाने की बात कही थी।
विधायक कुमार जयमंगल सिंह के इन आरोपों से खफा असम के सीएम ने इस मामले में कांग्रेस पर हमला करने के लिए बोफोर्स केस को बीच में घसीट लिया है। सीएम सरमा ने अपने ट्वीट में कहा, "कांग्रेस विधायक द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर उसी तरह की है, जिसमें कांग्रेस ने बोफोर्स मामले में ओट्टावियो क्वात्रोची के खिलाफ बोफोर्स मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।"
असम सरकार की कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री पीयूष हजारिका ने ट्विटर पर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल सिंह की तस्वीर ट्वीट करके दावा किया कि आरोप लगाने के पूर्व विधायक जयमंगल नियमित रूप से सीएम सरमा के संपर्क में थे लेकिन वो जो झारखंड में सरकार गिराने का आरोप लगा रहे हैं, वो बिल्कुल निराधार और तथ्यों से परे है।
मंत्री पीयूष हजारिका ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और कांग्रेस के विधायक जयमंगल सिंह की तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, “जयमंगल सिंह द्वारा झूठे और मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज कराने से 5 दिन पहले माननीय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 26 जुलाई 2022 की सुबह 9 बजे उन्हें माननीय केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर ले गए ताकि ट्रेड यूनियन से संबंधित उनके मामले में मदद की जा सके।"
पीयूष हजारिका का स्पष्ट कहना है कि कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल सिंह झारखंड के गिरफ्तार किये गये तीन विधायकों से संबंधित जो आरोप असम के मुख्यमंत्री पर लगा रहे हैं, वो सीएम सरमा की छवि को खराब करने के लिए और उनकी प्रतिष्ठा को गिराने के लिए किया गया निम्नस्तरीय कार्य है।
मालूम हो कि बंगाल में झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को बीते रविवार को गिरफ्तार किया गया और गिरफ्तारी के समय उनकी कार से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी भी जब्त की गई थी। तीनों की गिरफ्तारी के बाद आरोप लगा कि झारखंड में हेमंत सोरेन की गठबंधन वाली सरकार को गिराने के लिए कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी विधायकों को मंत्री पद के साथ और 10-10 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।
घटना के उजागर होने के बाद कांग्रेस के विधायक जयमंगल ने रविवार को ही रांची में एक पुलिस एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक कच्छप और बिक्सल कोंगारी उन्हें कोलकाता आने के लिए कह रहे थे और उन्होंने कहा कि अगर झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार की गिराने में वो मदद करें तो इसके लिए उन्हें पैसे भी मिलेंगे। विधायक जयमंगल का आरोप है कि विधायक इरफान अंसारी उन्हें इस काम के लिए कोलकाता से असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के पास गुवाहाटी ले जाना चाहते थे।