दो दशक पुराने हत्या की कोशिश के एक मामले में गुजरात की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने मंगलवार (30 जनवरी) को विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगड़िया समेत 39 अभियुक्तों को सभी आरोपों रद्द कर दिए हैं। इन अभियुक्तों में तोगड़िया के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक डीबी जमनादास पटेल भी शामिल थे। इस अदालत की जज एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जेवी बरोट ने तोड़गिया और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
सरकारी वकील वाईके व्यास ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि अदालत ने आदेश पारित कर दिया है और सभी 39 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है। अदालत के फैसले के बाद प्रवीण तोगड़िया ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा का आभार जताया। तोगड़िया ने इंडियन एक्सप्रेस को मैसेज भेजकर खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके दोस्तों विजयभाई (रुपाणी), नितिनभाई (पटेल) और प्रदीप सिंह को पुराने राजनीतिक केस को वापस ले लिया है।
तोगड़िया ने राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार का भी उनसे जुड़े मुकदमे वापस लेने के लिए आभार जताया। राजस्थान सरकार ने तोगड़िया पर 15 साल पुराने धारा 144 के उल्लंघन का केस वापस ले लिया है। राजस्थान पुलिस ने सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी की अदालत में राज्य सरकार का मुकदमे वापस लेने का आदेश पेश किया।
मामले में बरी होने के बाद तोगड़िया ने कहा कि ""आशा है मोटा भाई भी आसमान से नजर थोड़ी जमीन पर करके हमारे जैसे पुराने मित्रों से सम्वाद का कष्ट करें, हम जमीन से जुड़े लाखों कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं। साथ बैठकर सम्वाद विदेशों से करते हैं, देश में बैठे हम जैसों से भी कभी सम्वाद करें। समय का पहिया और ईश्वर के निर्णय प्लांटेड मीडिया स्टोरीज और मैनुफैक्टर्ड सर्वे पर नहीं होते। जिन सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर गये, उन्हें तोड़ा नहीं जाता। ये भारत का संस्कार नहीं है। देशभक्ति, हिंदुत्व, कोई शो के इवेंट नहीं हैं।
तोगड़िया से पूछा गया कि "मोटा भाई" ले उनका क्या आशय है? इस पर उन्होंने कहा कि देश में केवल एक ही मोटा भाई हैं और मेरा संदेश पूरी तरह साफ है कि हम दोनों मिलकर देस के लिए काम कर सकते हैं।
तोगड़िया मीडिया के सामने आकर आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर आईबी उन्हें निशाना बना रही है और 20 साल पुराने मामले में फंसा रही है।