'बातचीत के दरवाजे खुले', कृषि कानून के विरोध को लेकर प्रदर्शन के बीच किसानों को सरकार की एक और चिट्ठी

By स्वाति सिंह | Updated: December 24, 2020 14:45 IST2020-12-24T14:39:53+5:302020-12-24T14:45:42+5:30

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हजारों किसानों का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद बृहस्पतिवार को भी जारी रहा।

Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks. | 'बातचीत के दरवाजे खुले', कृषि कानून के विरोध को लेकर प्रदर्शन के बीच किसानों को सरकार की एक और चिट्ठी

प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को अपना रुख और कड़ा करते हुए सरकार से कहा कि वह ‘‘निरर्थक’’ संशोधनों का प्रस्ताव फिर से पेश न करे

Highlightsकिसानों के आंदोलन के बीच गुरुवार को सरकार की ओर से किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गई हैचिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं।

नई दिल्ली: किसानों के आंदोलन के बीच गुरुवार को सरकार की ओर से किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गई है। कृषि मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं।

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हजारों किसानों का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिल्ली में घना कोहरा छाने से बृहस्पतिवार सुबह कई इलाकों में दृश्यता घटकर 100 मीटर रह गई, जिसके कारण यातायात प्रभावित हुआ। सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

राहुल की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं और इससे मजदूरों और किसानों का बहुत नुकसान होने जा रहा है तथा किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि ये मजदूर और किसान वापस चले जाएंगे। जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक ये किसान पीछे नहीं हटेंगे।’’

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी

दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं और सैंकड़ों कर्मियों को तैनात किया गया है।  इन सीमाओं पर करीब एक महीने से हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों के कारण यातायात भी बाधित हुआ है जिसके कारण पुलिस को यातायात के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने बृहस्पतिवार को ट्वीट करके यात्रियों को उन मार्गों की जानकारी दी, जो किसानों के प्रदर्शन के कारण बंद हैं और उसने उन्हें वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने का सुझाव किया। 

प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को अपना रुख और कड़ा करते हुए सरकार से कहा कि वह ‘‘निरर्थक’’ संशोधनों का प्रस्ताव फिर से पेश न करे, जिन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है। उन्होंने सरकार से वार्ता पुन: चालू करने के लिए लिखित में ‘‘ठोस’’ प्रस्ताव देने को कहा। किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार के लिए अपना जवाब पढ़ते हुए कहा कि यदि सरकार एक ठोस प्रस्ताव भेजे तो वे फिर से बातचीत के लिए राजी हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे तीनों कृषि कानूनों को पूर्णत:: रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। केंद्र के साथ नौ दिसंबर को प्रस्तावित किसानों की छठे दौर की वार्ता किसानों के केंद्रीय कानूनों को निरस्त करने की मांग से पीछे नहीं हटने के कारण रद्द हो गई थी।  

Web Title: Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks.

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