'केंद्रीय विश्वविद्यालय भर्ती बोर्ड की स्थापना के लिये प्रस्तावित विधेयक जल्द संसद में लाए सरकार'

By भाषा | Updated: August 17, 2021 14:56 IST2021-08-17T14:56:13+5:302021-08-17T14:56:13+5:30

'Government to bring the proposed bill in Parliament soon for the establishment of Central University Recruitment Board' | 'केंद्रीय विश्वविद्यालय भर्ती बोर्ड की स्थापना के लिये प्रस्तावित विधेयक जल्द संसद में लाए सरकार'

'केंद्रीय विश्वविद्यालय भर्ती बोर्ड की स्थापना के लिये प्रस्तावित विधेयक जल्द संसद में लाए सरकार'

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में काफी संख्या में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की जरूरत पर बल देते हुए संसद की एक समिति ने सरकार से केंद्रीय विश्वविद्यालय भर्ती बोर्ड की स्थापना के लिये प्रस्तावित विधेयक को यथाशीघ्र संसद में लाने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय की अनुदान की मांगों 2021-22 से संबंधित समिति के 342वें प्रतिवेदन की सिफारिशों के संबंध में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र में पेश की गई थी । रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रशासन के लिये एक मसौदा विधेयक तैयार करने के लिये अप्रैल 2013 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एक समिति का गठन किया गया था । इस समिति के विचारार्थ विषयों में केंद्रीय विश्वविद्यालयों एवं केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्ता को ध्यान में रखते हुए ‘सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासन के लिये एक मसौदा विधेयक’ तैयार करना था । इसमें कहा गया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का महत्वपूर्ण मुद्दा समिति के ध्यान में लाया गया । सरकार ने की गई कार्रवाई में बताया, ‘‘ शिक्षण संस्था समिति का विचार था कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिये वर्तमान तंत्र प्रभावी नहीं है और इसके कारण कई हजार रिक्तियां जमा हो गई हैं। अत: शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिये एक नया तंत्र तैयार करने की जरूरत है। ’’ मंत्रालय द्वारा गठित शिक्षण संस्था समिति ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिये विभिन्न मॉडलों पर विचार किया और एक मसौदा विधेयक प्रस्तावित किया । मसौदा विधेयक में कहा गया है कि एक केंद्रीय निकाय होगा जिसे केंद्रीय विश्वविद्यालय, पंजीयक एवं वित्त अधिकारी भर्ती बोर्ड कहा जायेगा और इसका गठन केंद्र सरकार द्वारा किया जायेगा । उच्च शिक्षा विभाग ने संसदीय समिति को बताया कि ‘मंत्रालय द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट को अब तक स्वीकार नहीं किया गया है।’ रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय समिति ने अपनी अतिरिक्त सिफारिशों में कहा कि वह विभाग के उत्तर से आश्वस्त नहीं है और विभाग को बताना चाहती है कि भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिये एक महत्वपूर्ण विभाग होने के कारण उच्च शिक्षा में शिक्षकों की कमी के मुद्दे से निपटने के लिये कदम उठाना चाहिए । संसदीय समिति ने कहा, ‘‘ केंद्रीय विश्वविद्यालय भर्ती बोर्ड की स्थापना में असाधारण देरी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की कमी की समस्या को ही बढ़ायेगी । अत: विभाग रिक्त पदों को भरने के लिये इस संबंध में प्रस्तावित विधेयक को यथाशीघ्र संसद में लाए ।’’ इस बीच, संसद के मानसून सत्र में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों शिक्षकों के 33.4 प्रतिशत पद रिक्त हैं।वहीं, लोकसभा में एम सेल्वराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय विज्ञान संस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित श्रेणी में शिक्षकों के कुल 8,773 पद रिक्त हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय विज्ञान संस्थान में अनुसूचित जाति श्रेणी में 2,608 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 1,344 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 4,821 पद रिक्त हैं।

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Web Title: 'Government to bring the proposed bill in Parliament soon for the establishment of Central University Recruitment Board'

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