सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति पर केंद्र सरकार का रोड़ा, कांग्रेस ने उठाए सवाल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 26, 2018 15:30 IST2018-04-26T15:30:46+5:302018-04-26T15:30:46+5:30
सरकार ने कोलेजियम से कहा, जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश पर पुन: विचार हो। वहीं इंदु मल्होत्रा के नाम पर मंजूरी दे दी गई है।

Supreme Court
नई दिल्ली, 26 अप्रैलः सरकार ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्च का न्यायाधीश बनाने संबंधी शीर्ष अदालत की कोलेजियम की सिफारिश पुन : विचार के लिये वापस लौटा दी है। इस घटनाक्रम से न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच तनाव और बढ़ सकता है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गुरुवार सुबह मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर जस्टिस जोसेफ के नाम पर कोलेजियम में फिर से विचार करने का अनुरोध किया है।
प्रसाद ने प्रधान न्यायाधीश को यह भी सूचित किया कि वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया है। सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम (न्यायाधीशों की समिति) की सिफारिश स्वीकार करते हुये न्यायमूर्ति जोसेफ के बारे में निर्णय स्थगित रखा। कोलेजियम ने दस जनवरी को एक प्रस्ताव में न्यायमूर्ति जोसेफ और सुश्री इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
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न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब उनकी अध्यक्षता वाली उत्तराखंड हाई कोर्ट की पीठ ने अप्रैल 2016 के फैसले में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अधिसूचना रद्द करने के साथ ही हरीश रावत सरकार को बहाल कर दिया था। उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ और सुश्री इंदु मल्होत्रा को एक साथ शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किये जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 100 से अधिक वकीलों ने याचिका दायर की थी।
केंद्र के रोड़े पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजिम द्वारा संस्तुत न्यायमूर्ति के एम जोसेफ़ के नाम पर केंद्र सरकार की मंज़ूरी को लंबित रखने पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप की मांग की है। माकपा पोलित ब्यूरो के आज जारी बयान में सरकार के इस रूख को न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक दखल बताते हुए कहा गया है कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होगी।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'बदले की राजनीति' की राजनीति का आरोप लगाया। पार्टी ने सवाल किया कि क्या दो साल साल पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ फैसला देने की वजह से न्यायमूर्ति जोसेफ को पदोन्नति नहीं दी गई? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, 'न्यायपालिका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की 'बदले की राजनीति' और उच्चतम न्यायालय का 'साजिशन गला घोंटने' का प्रयास फिर बेनकाब हो गया है।'
न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के सरकार के निर्णय की तीखी प्रतिक्रया हुयी है। उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने इस घटनाक्रम को परेशान करने वाला बताया है।
PTI Bhasha Inputs