जज लोया की मौत की जाँच के लिए PIL दायर करने वाला RSS का करीबी: कांग्रेस
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 26, 2018 02:17 PM2018-04-26T14:17:49+5:302018-04-26T14:47:06+5:30
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की दिसंबर 2014 में मौत हो गयी थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जज लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जाँच की याचिका ठुकराते हुए कहा था कि उनकी मौत प्राकृतिक थी।
कांग्रेस ने नई दिल्ली में गुरुवार (26 अप्रैल) को प्रेस वार्ता करके आरोप लगाया है कि सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत की जाँच से जुड़ी जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने वाले सूरज लोलगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी है और वो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर काउंसलर का चुनाव भी लड़ चुका है। कपिल सिब्बल ने मीडिया से कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि PIL का दुरुपयोग होता है, हम सहमत हैं; कई बार इसलिए भी PIL दाखिल की जाती है ताकि किसी चीज को दबाया जा सके" कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मीडिया से कहा कि सूरज लोलगे ने 27 नवंबर 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की थी। सिब्बल ने प्रेस वार्ता में एक स्लाइड दिखाते हुए दावा किया कि लोलगे ने 25 दिसंबर 2016 को काउंसिलर का चुनाव लड़ने बीजेपी से टिकट मांगा था। कांग्रेस ने एक स्लाइड दिखाया जिसमें बीजेपी से टिकट माँगने के लिए लोलगे ने पैसे जमा किए थे।
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कांग्रेस ने दावा किया कि 30 जनवरी 2018 को हुई कांग्रेस की प्रेस वार्ता के बाद सूरज लोलगे की एक व्यक्ति से बातचीत में जज लोया की मौत की स्वतंत्र जाँच से जुड़ी पीआईएल के बारे में बातचीत हुई थी जिसमें लोलग कथित तौर पर दावा कर रहे हैं कि उन्हें आरएसएस का समर्थन प्राप्त है। सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की दिसंबर 2014 में मौत हो गयी थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जज लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जाँच की याचिका ठुकराते हुए कहा था कि उनकी मौत प्राकृतिक थी। जज लोया की मौत पर सबसे पहले सवाल द कारवां मैगजीन ने नवंबर 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट में उठाया था। कारवाँ ने जज लोया के परिजनों के हवाले से उनकी मौत से जुड़ी परिस्थितियों को संदिग्ध बताया। जज लोया मौत के समय सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। सोहराबुद्दीन शेख मामले में बीजेपी नेता अमित शाह समेत कई पुलिस अधिकारी भी अभियुक्त थे। अमित शाह को बाद में सीबीआई अदालत ने मामले में बरी कर दिया था।
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कांग्रेस ने उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मंजूरी न दिए जाने का भी मुद्दा उठाया। कपिल सिब्बल ने कहा, "कानून कहता है कि जो सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम कहता है वही होगा, जबकि सरकार चाहती है कि अगर उसके मन मुताबिक नहीं हुआ, तो वो कोलेजियम की सिफारिशों को नज़रअंदाज करेगी, उसे मंजूरी नहीं देगी" सिब्बल ने कहा, "10 जनवरी 2018 की वेबसाइट पर लिखा था कि कोलेजियम मानती है कि जस्टिस जोसेफ जो केरल हाई कोर्ट से आते हैं और इस समय उत्तराखण्ड के मुख्य न्यायाधीश हैं वो बाकी सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से काबिल हैं...आज सरकार ने कहा है कि जस्टिस जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार होना चाहिए।"
कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो नीचे देखिए-
LIVE: Press briefing by Members of Parliament @KapilSibal and @VTankhahttps://t.co/JJ2B2B7uNR
— Congress Live (@INCIndiaLive) April 26, 2018
कांग्रेस ने 64 राज्य सभा सांसदों के हस्ताक्षर के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को नोटिस दिया था। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस समेत सात दलों की तरफ से दी गयी नोटिस को खारिज कर दिया। उपराष्ट्रपति ने नोटिस खारिज करते हुए लिखित जवाब में कहा कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।