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जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल सरकारी मुलाजिमों पर गिरेगी गाज, हो रहा है CID वेरिफिकेशन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 28, 2022 17:53 IST

वर्ष 2018 के बाद भर्ती हुए सभी सरकारी कर्मचारियों व अफसरों की सीआईडी जांच करवाने का निर्देश जनवरी में दिया था उसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं और उसके आधार पर अभी तक 100 के करीब कर्मियों को सरकारी नौकरियों से बाहर निकाला जा चुका है

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ठळक मुद्देअभी तक 100 के करीब कर्मियों को सरकारी नौकरियों से बाहर निकाला जा चुका है जबकि 150 से 200 के बीच कर्मियों को अगले कुछ दिनों में ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है

जम्मू: प्रदेश प्रशासन ने और उन सरकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है जिनके प्रति उसे शक है कि वे आतंकी तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त हैं। इसकी खातिर उसने वर्ष 2018 के बाद भर्ती हुए सभी सरकारी कर्मचारियों व अफसरों की सीआईडी जांच करवाने का निर्देश जनवरी में दिया था उसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं और उसके आधार पर अभी तक 100 के करीब कर्मियों को सरकारी नौकरियों से बाहर निकाला जा चुका है जबकि 150 से 200 के बीच कर्मियों को अगले कुछ दिनों में ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

जानकारी के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। सेवा के नियमों में संशोधन यही सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि नई नियुक्तियों पर तैनात कर्मचारियों के रिकार्ड जांच लिए जाएं कि कहीं वे किसी तरह के आपराधिक मामलों में संलिप्त तो नहीं रहे हैं।

नए नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति के लिए सरकार ने 15 वर्ष की आयु से शैक्षिक विवरण, पिछले पांच वर्षों में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, ससुराल वालों की जानकारी और ऋण का विवरण अनिवार्य किया जा चुका है। जम्मू कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए विवरण की वेरीफिकेशन करता है। उसके द्वारा एनओसी दिए जाने के बाद ही वह अपने पद पर ज्वॉइन कर सकता है।ऐसा न करने की स्थिति में उम्मीदवार नियुक्ति के अपने अधिकार को छोड़ देंगे। 

अब सरकार का कहना है कि पहले से प्रकाशित चयन सूचियों में यह पाया गया कि कई कर्मचारियों की अभी तक सीआईडी वेरीफिकेशन पूरी तरह से नहीं हुई है। प्रशासन ने नए नियमों के तहत 21 दिनों की अवधि में यह वेरीफिकेशन कराने के लिए कहा है। यह निर्देश तब लागू हुआ जब सरकार ने पिछले साल 27 सितंबर को जम्मू कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में संशोधन किया। 

जनवरी महीने में इस संबंध में कश्मीर संभाग के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए गए थे कि कि मई 2018 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों की सीआईडी वेरीफिकेशन जल्द से जल्द सुनिश्चित करें। प्रशासन ने संभाग के सभी 10 डिप्टी कमिश्नरों को जम्मू कश्मीर सरकार के निर्देशों के अनुसार नई नियुक्तियों की सीआईडी वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा था। 

अधिकारियों के मुताबिक कई उपायुक्तों ने अपनी रिर्पोटें सौंप दी हैं जिनमें ऐसे कर्मियों की लंबी चौड़ी सूची है जो कथित तौर पर आतंकी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में पाए गए हैं। बताया जा रहा है ऐसे कर्मियों के खिलाफ थोक में कार्रवाई की कवायद तेज की जा चुकी है।

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