नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले शनिवार, 2 दिसंबर को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं।
बैठक में तमाम दलों के नेता शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध है। इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले भले ही सरकार ने परंपरा स्वरूप सर्वदलीय बैठक बुलाई हो लेकिन इस बार सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के मामले को लेकर सत्र में हंगामा हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों को लेकर मोइत्रा के खिलाफ एक शिकायत के साथ लोकपाल का रुख किया था। दुबे ने मोइत्रा पर मौद्रिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया है। लोकसभा की आचार समिति ने भी मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी है।
संसद में 37 विधेयक लंबित हैं, इनमें 12 विधेयक इस शीतकालीन सत्र में पारित हो सकते हैं। इनमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले विधेयक भी शामिल हैं। इनके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर भी इस शीतकालीन सत्र में चर्चा हो सकती है।
(इनपुट- भाषा)