बैंक यूनियनों की मांग माने और निजीकरण के फैसले से पीछे हटे सरकार: कांग्रेस

By भाषा | Published: March 16, 2021 01:04 PM2021-03-16T13:04:25+5:302021-03-16T13:04:25+5:30

Government accepted the demand of bank unions and backed by privatization decision: Congress | बैंक यूनियनों की मांग माने और निजीकरण के फैसले से पीछे हटे सरकार: कांग्रेस

बैंक यूनियनों की मांग माने और निजीकरण के फैसले से पीछे हटे सरकार: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 16 अगस्त कांग्रेस ने कई सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर मंगलवार को सरकार पर गरीब तबके के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को बैंक यूनियनों की मांग मानते हुए निजीकरण के फैसले से पीछा हट जाना चाहिए।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह दावा भी किया कि सरकार का मकसद सरकारी बैंकों को अपने कुछ करीबी पूंजीपतियों के हाथों में बेचना है।

उन्होंने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैंकों का निजीकरण करने के लिए कर्मचारियों के संगठनों से कोई बातचीत नहीं की गई। सरकार की इस एकतरफा नीति से लोग परेशान हैं।’’

खड़गे ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया जब आर्थिक संकट से जूझ रही थी तब उस तरह का संकट भारत में नहीं था क्योंकि हमारे यहां सरकारी बैंक हैं।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसलिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था ताकि गरीब आदमी की बैंकों तक पहुंच हो सके।

उन्होंने दावा किया, ‘‘अब बैंकों का विलय करके इनको नुकसान पहुंचाया जा रहा है ताकि चंद लोगों के हाथों में इन बैंकों को बेचा जा सके। ये चंद लोग सरकार के करीबी पूंजीपति हैं।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘गरीबों के पास जो पक्की नौकरी थी, उसे छीना जा रहा है। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग बड़ी संख्या में हैं। उनके हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।’’

खड़गे ने सरकार से आग्रह किया कि वह बैंक यूनियनों की मांग मानते हुए निजीकरण के फैसले से पीछे हटे।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे को संसद में पुरजोर ढंग से उठाने का पूरा प्रयास करेगी।

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ।

नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। उसका दावा है कि करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Government accepted the demand of bank unions and backed by privatization decision: Congress

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे