Gorakhpur seat 2024: सीएम योगी के भरोसे अभिनेता रवि किशन, अभिनेत्री काजल निषाद से टक्कर, जानें समीकरण और इतिहास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 29, 2024 18:34 IST2024-05-29T18:31:38+5:302024-05-29T18:34:10+5:30

Gorakhpur seat 2024:सीएम योगी पांच बार संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद के रूप में पहुंचे हैं. सीट पर भाजपा से अभिनेता एवं सांसद रवि किशन शुक्ल फिर चुनावी मैदान में हैं

Gorakhpur seat 2024 Actor Ravi Kishan trusts CM Yogi competes actress Kajal Nishad know equation history up polls chunav bjp sp bsp | Gorakhpur seat 2024: सीएम योगी के भरोसे अभिनेता रवि किशन, अभिनेत्री काजल निषाद से टक्कर, जानें समीकरण और इतिहास

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HighlightsGorakhpur seat 2024: समाजवादी पार्टी (सपा) ने भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को मैदान में उतारा है. Gorakhpur seat 2024: बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी जावेद अशरफ को उम्मीदवार बनाया है. Gorakhpur seat 2024:यूपी की 80 संसदीय सीटों में गोरखपुर सीट ही ऐसी हैं जंहा एक अभिनेता का मुक़ाबला एक अभिनेत्री से हो रहा है.

Gorakhpur seat 2024: उत्तर प्रदेश में सातवें चरण की जिन 13 सीटों में मतदान होना है, उनमें गोरखपुर लोकसभा सीट भी बेहद अहम है. गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्म स्थली है. बीते सात वर्षों से सीएम योगी गोरखपुर को पूरब के एनसीआर के रूप में विकसित कर रहे हैं. इस लोकसभा सीट पर बीते 35 वर्षों से गोरक्षपीठ का ही प्रभाव रहा है. लहर कोई भी रही हो, इस सीट पर चली हमेशा गोरक्षपीठ की ही. इस सीट से सीएम योगी पांच बार संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद के रूप में पहुंचे हैं.

फिलहाल इस सीट पर भाजपा से अभिनेता एवं सांसद रवि किशन शुक्ल फिर चुनावी मैदान में हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को मैदान में उतारा है. जबकि बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी जावेद अशरफ को उम्मीदवार बनाया है. यूपी की 80 संसदीय सीटों में गोरखपुर सीट ही ऐसी हैं जंहा एक अभिनेता का मुक़ाबला एक अभिनेत्री से हो रहा है.

इनके बीच मुक़ाबला

भाजपा के रविकिशन को इस सीट से अपनी जीत के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और गोरक्षपीठ के प्रभाव का भरोसे है. जबकि काजल निषाद इस सीट से मुस्लिम, यादव के साथ निषाद वोटरों के भरोसे अपनी जीत का दावा कर रही हैं. काजल निषाद का यह चौथा चुनाव है. इसके पहले वह कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण और सपा से कैंपियरगंज से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं.

मेयर का चुनाव भी वह लड़ीं थी पर जीत हासिल नहीं हुई. काजल कहती हैं कि वर्ष 2018 के उप चुनावों में सपा को जिस जातीय समीकरण के आधार पर यहां जीत हासिल हुई थी, उसी के भरोसे वह जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं. फिलहाल इस सीट पर रवि किशन और काजल निषाद के बीच ही सीधा मुक़ाबला हो रहा है.

बसपा के जावेद को यहां चुनावी संघर्ष से बाहर माना जा रहा है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि भगवा गढ़ वाली इस सीट पर रवि किशन का पलड़ा भारी है और कोई चमत्कार ही काजल निषाद को यहां जीत दिला सकता है.

रविकिशन और काजल का दावा

भाजपा की इस सीट पर बढ़त बनाने की दो वजह यहां बताई जा रही है. पहली वजह है इस सीट पर गोरक्षपीठ का प्रभाव. यहां की सियासत में इस पीठ का ऐसा दबदबा कि जिसे यहां से आशीर्वाद मिलता है, नामांकन करते ही उसकी जीत सुनिश्चित हो जाती है. इस धारण के चलते ही भाजपा प्रत्याशी रवि किशन इस सीट को गोरक्षपीठ बता रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं तो गोरक्षपीठ की खड़ाऊँ लेकर चल रहा हूं.

मैं प्रत्याशी भले हूं यहां से लेकिन यह सीट सीएम योगी आदित्यनाथ की है. रवि किशन का इस तरह से प्रचार करना विपक्ष को बैकफुट पर लाया है. दूसरी वजह है, बीते छह-सात वर्षों में गोरखपुर में कराए गए तमाम तरह के विकास कार्य. आज गोरखपुर में 24 घंटे बिजली मिल रही है, फोरलेन सड़कें हैं, ओवरब्रिज, पर्यटन के लिए रामगढ़ ताल का विकास, चार विश्वविद्यालय और एम्स जैसी सुविधाएं इस शहर को मिली हैं. उद्योग भी लगे हैं. इस कारण के भाजपा के पक्ष में यहां माहौल बना है.

बेरोजगारी और महंगाई के सवाल पर जरूर इस शहर में विपक्ष की बात लोग सुन रहे हैं. सपा उम्मीदवार काजल निषाद भी यह कहती है कि यहां पर विकास तो हुआ है पर युवाओं की अनदेखी भी हुई है. नौकरी और रोजगार नहीं मिलने से पलायन नहीं रुक रहा है. महंगाई इतनी ज्यादा है कि प्राइवेट नौकरी करने वाले सही से घर का खर्च नहीं चला पा रहे हैं.

सियासी समीकरण

फिलहाल काजल निषाद को इस सीट पर जातीय समीकरणों के आधार पर ही अपनी जीत का भरोसा है. गोरखपुर संसदीय सीट पर सर्वाधिक मतदाता पिछड़े वर्ग से हैं. यहां निषाद मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके बाद सैंथवार, यादव व दूसरी जातियां आती हैं. ब्राह्मणों और मुस्लिमों की भी काफी आबादी है. ट

मुस्लिम यहां निर्णायक भूमिका निभाने की जगह प्रतिद्वंद्वी की जमानत बचाने के ही काम आ पाते हैं. यहां की पांचों विधानसभा, गोरखपुर सदर, ग्रामीण, सहजनवां, कैंपियरगंज और पिपराइच का पिछड़ा वर्ग गोरक्षपीठ से भावनात्मक रूप से जुड़ाव है. इसका प्रमाण कई चुनावों में सामने आ चुका है. हालांकि सपा नेताओं को उम्मीद है कि जातीय समीकरणों से वे बढ़त बना लेंगे. 

English summary :
Gorakhpur seat 2024 Actor Ravi Kishan trusts CM Yogi competes actress Kajal Nishad know equation history up polls chunav bjp sp bsp


Web Title: Gorakhpur seat 2024 Actor Ravi Kishan trusts CM Yogi competes actress Kajal Nishad know equation history up polls chunav bjp sp bsp

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