पटना: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा बिहारी मजदूरों को लेकर दिए विवादित बयान पर बिहार में बवाल मच गया है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी जदयू और राजद ने एक साथ भाजपा व गोवा के मुख्यमंत्री पर हमला बोल दिया है। इस बीच जदयू के एक नेता ने गोवा के सीएम के खिलाफ पटना के सिविल कोर्ट में शिकायत भी दर्ज कराई है।
जदयू नेता मनीष कुमार ने कोर्ट में दिए अपने आवेदन में कहा है कि प्रमोद सावंत का बयान बिहारियों के लिए काफी आपत्तिजनक है और इससे उनकी भावना आहत हुई है। उन्होंने पटना की सीजेएम अदालत में नालिसी दायर किया है। शिकायत में बिहारियों को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ कोर्ट से फौरन केस दर्ज करने का आग्रह किया गया है।
मनीष कुमार ने अपने शिकायत में उल्लेख किया है कि 1 मई को गोवा के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत अपराध बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं। वे बिहारी हैं और बिहार-उत्तरप्रदेश को लेकर दिए उनके बयान से हमारी भावना आहत हुई है।
शिकायत में कहा गया है कि मीडिया में गोवा के मुख्यमंत्री का बयान को हम सबने देखा और पढ़ा है। गोवा के मुख्यमंत्री का बयान में नफरत, धमकी, मानहानिकारक दिखता है। इसके साथ ही उन्होंने बिहारियों के लिए बेहद अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है। इससे समाज में हमारी (बिहारी) प्रतिष्ठा गिरी है और साथ ही गोवा जैसे राज्य में भय का माहौल बना है। ऐसे में इस तरह के बयान देने वाले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ आईपीसी की धारा- 153,153ए, 153बी, 384, 500, 504, 505(2),506 के तहत केस दर्ज किया जाय।
जदयू नेता के द्वारा पटना सीजेएम के यहां दर्ज कराई गई शिकायत पर आगे सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि 1 मई को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने राज्य में बढ़ रहे अपराधों को लेकर दावा किया था कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत अपराध बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं।
प्रमोद सावंत ने कहा है कि प्रवासी मजदूर राज्य का लेबर कार्ड जरूर बनवाएं। उन्होंने कहा कि गोवा में अपराध करने के बाद प्रवासी मजदूर अपने होम स्टेट भाग जाते हैं, जिसके कारण उनपर कार्रवाई करना काफी मुश्किल हो जाता है। मुख्यमंत्री ने गोवा में अपराध के अनुपात को लेकर कहा कि अगर हम अनुपात देखेंगे, तो गोवा में हुए अधिकतम 90 फीसदी अपराध प्रवासी मजदूरों ने किए हैं। फिर चाहे वे बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य इलाकों से हैं।