घाटशिलाः झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना 14 नवंबर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे शुरू होगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। गत 11 नवंबर को इस सीट के लिए उपचुनाव में 74.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। पूर्वी सिंहभूम के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ)-सह-उपायुक्त (डीसी) कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि मतगणना जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज में सुबह आठ बजे शुरू होगी। सत्यार्थी ने बताया, "मतगणना डाक मतपत्रों से शुरू होगी, उसके बाद ईवीएम से। कुल 19 टेबल पर 20 दौर की मतगणना होगी।
जिसमें 15 ईवीएम के लिए और चार डाक मतपत्रों के लिए निर्धारित हैं।" उन्होंने कहा कि रुझान सुबह नौ बजे से आने शुरू होने की उम्मीद है और मतगणना की पूरी प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, "सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सुचारू रूप से मतगणना के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी और कुछ अधिकारियों को छोड़कर किसी के भी मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।" इस चुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन के बीच रहने की संभावना है।
सोमेश दिवंगत झामुमो विधायक रामदास सोरेन के पुत्र हैं, जिनका 15 अगस्त को निधन हो गया था और इस कारण उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। यह उपचुनाव सत्तारूढ़ झामुमो और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है। हालांकि, चुनाव परिणाम का हेमंत सोरेन सरकार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पास वर्तमान में 55 विधायक हैं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के पास 24 विधायक हैं। घाटशिला उपचुनाव में झामुमो और भाजपा दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त हैं।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि घाटशिला के लोगों ने भाजपा को हराकर 'दिशोम गुरु' (भूमि के नेता) शिबू सोरेन और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दावा किया कि सत्तारूढ़ झामुमो की हताशा साफ दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा, "झामुमो ने उस सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है, जिसे वे सुरक्षित मान रहे थे। लोगों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है और उन्होंने सबक सिखाने का मन बना लिया है। हमें उम्मीद है कि हमारा उम्मीदवार बड़े अंतर से जीतेगा।" 2.56 लाख मतदाताओं में से करीब 74 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
झामुमो विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का 15 अगस्त को निधन होने के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था। इस उपचुनाव में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। बाबूलाल सोरेन ने 2024 का विधानसभा चुनाव इस सीट से लड़ा था। लेकिन वह रामदास सोरेन से 22,464 मतों के अंतर से हार गये थे।