जयपुर:अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार द्वारा गिफ्ट में दिए गए गये आईफोन को भाजपा विधायकों द्वारा वापस नहीं किये जाने के मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने काफी नाराजगी व्यक्त की है। जानकारी के मुताबिक आईफोन को लौटाने की बात तो दूर कई भाजपा विधायकों ने गहलोत सरकार से मिले इस गिफ्ट का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।
इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वीकार किया कि उनके द्वारा आईफोन की वापसी के आदेश दिये जाने के बावजूद कई भाजपा विधायकों ने उसको राज्य सरकार के पास वापस लौटाया नहीं है। गहलोत सरकार ने बजट दिवस के मौके पर सभी विधायकों को आईफोन बतौर उपहार दिया था।
हालांकि सतीश पूनिया ने आईफोन न वापस किये जाने के साथ ही इस बात का भी दावा किया कि चूंकि कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में गए हुए हैं, इसलिए वो इसे नहीं लौटा पाये हैं, जब वे जयपुर लौटेंगे तो गहलोत सरकार को इसे वापस कर देंगे।
उन्होंने कहा, "किसी भी विधायक ने आईफोन वापस किये जाने के आदेश की अवहेलना नहीं की है और न ही ये तानाशाही भरा फैसला है। विधायक दल की सामूहिक बैछक में आईफोन के वापसी का निर्णय लिया गया था। कुल 50 विधायकों ने आईफोन लौटा दिये हैं, शेष 10 लोग बचे हैं। वे भी 2 या 3 मार्च तक इसे वापस कर देंगे।"
भाजपा प्रमुख पूनिया ने बताया कि विपक्षी नेता गुलाब चंद कटारिया, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने आईफोन लौटा दिए हैं।
मालूम हो कि राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी को राज्य का बजट पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के सदस्यों को आईफोन वितरित करने का फैसला किया था। लेकिन गहलोत सरकार का यह फैसला इसलिए राजनीतिक मुद्दा बन गया क्योंकि प्रदेश भाजपा ने अपने विधायकों को आदेश दिया कि वो गहलोत सरकार से मिले आईफोन को फौरन वापस कर दें।
बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार ने विधायकों को बांटने के लिए कुल 250 आईफोन-13 खरीदे थे, जिन्हें 200 विधायकों के बीच बांटे जाना था। गहलोत सरकार ने एक आईफोन-13 खरीदने के लिए 89,000 रुपये खर्च किये। इस तरह गहलोत सरकार ने 200 आईफोन-13 खरीदने के लिए राज्य के कोष से 1.78 करोड़ खर्च किये।