नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की ओर से शुक्रवार को जानकारी दी गई है कि वो स्वास्थ्य की जटिल समस्याओं के कारण से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज में शामिल नहीं हो पाएंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ पूर्व पीएम देवेगौड़ा को 9 सितंबर को राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के लिए आमंत्रण भेजा था। लेकिन पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने केंद्र सरकार को अपनी विवशता बताते हुए भोज में न शामिल होने की जानकारी देते हुए जी20 शिखर सम्मेलन की शानदार सफलता की कामना की है।
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने एक्स पर ट्वीट करते कहा, "मैं स्वास्थ्य कारणों से 09 सितंबर 2023 को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मुजी द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज में शामिल नहीं होऊंगा। मैंने पहले ही सरकार को इस बारे में सूचित कर दिया है। मैं जी20 शिखर सम्मेलन की शानदार सफलता की कामना करता हूं।"
मालूम हो कि भारत की राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर तक आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन की मेजबानी को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार युद्धस्तर पर प्रयासरत है।
हालांकि सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों को दिये जाने वाले रात्रिभोज में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता नहीं भेजा गया है। जिसे लेकर सियासी हलकों में आश्चर्य जताया जा रहा है। दरअसलमल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष के इतर प्रोटोकॉल के लिहाज से कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं क्योंकि वो राज्यसभा में विपक्ष नेता के पद पर आसीन है।
लेकिन इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के रात्रिभोज में सरकार के न केवल सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को बल्कि सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा भारत सरकार के सभी सचिव और बड़े उद्योगपतियों सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों को भी न्योता दिया गया है।
बतौर मुख्यमंत्री इस रात्रिभोज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा झारखंड से हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी, तमिलनाडु से एमके स्टालिन, दिल्ली से अरविंद केजरीवाल और पंजाब से भगवंत मान ने ने पुष्टि की है कि वे रात्रिभोज समारोह में शामिल होंगे।
बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से सभी आमंत्रित अतिथियों को कल शाम पौने छह बजे संसद भवन पहुंचने के लिए कहा गया है। जहां से उन्हें भारत मंडपम तक ले जाने और वापस लाने के लिए विशेष परिवहन व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि वीवीआईपी मूवमेंट और यातायात प्रतिबंधों के कारण ऐसा किया जा रहा है।