जी20 को डब्ल्यूएचओ को निधि की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करने की जरूरत है: स्वास्थ्य मंत्री
By भाषा | Updated: October 29, 2021 20:57 IST2021-10-29T20:57:17+5:302021-10-29T20:57:17+5:30

जी20 को डब्ल्यूएचओ को निधि की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करने की जरूरत है: स्वास्थ्य मंत्री
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि जी20 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए निधि की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा टीका एवं प्रतिरक्षण के लिए वैश्विक गठबंधन(जीएवीआई),महामारी संबंधी तैयारी नवाचारों के लिए गठबंधन(सीईपीआई), एक्ट-ए जैसे चल रहे बहु-हितधारक तंत्रों का समर्थन करने के साथ-साथ न्यायसंगत और सस्ती पहुंच पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने यह बात वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जी20 संयुक्त वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, चर्चा का एजेंडा ‘‘वैश्विक स्वास्थ्य वित्तपोषण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस प्रस्ताव’’ था। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 महामारी ने अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों के महत्व और वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त स्वास्थ्य और वित्त पोषण कार्य बल के वर्तमान प्रस्ताव का समर्थन करते हुए, भारत का प्रस्ताव है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ की केंद्रीयता बनाए रखने की आवश्यकता है।’’
मांडविया ने कहा कि सदस्य देशों के बीच इन बहुपक्षीय पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर उनके स्थानीय संदर्भ के अनुसार मूर्त रूप देने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जी20 को डब्ल्यूएचओ के लिए उपलब्ध धनराशि को बढ़ाने में सहायता करने की आवश्यकता है, मुख्य रूप से ऐसी निधि जो निर्धारित नहीं हैं, इसके अलावा जीएवीआई, सीईपीआई, एक्ट-ए जैसे चल रहे बहु-हितधारक तंत्रों का समर्थन करने के साथ-साथ न्यायसंगत और सस्ती पहुंच पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस महामारी में, कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि सभी सुरक्षित न हों। इस संदर्भ में, मैं अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करता हूं जब उन्होंने कहा कि ‘सबका समर्थन, सभी का विकास, सभी का विश्वास और सभी के प्रयास’ सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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