लाइव न्यूज़ :

फ्यूचर-रिलायंस रिटेल विलय सौदा: एफआरएल का न्यायालय से अपील पर जल्द सुनवाई का अनुरोध

By भाषा | Updated: September 3, 2021 13:39 IST

Open in App

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक हालिया आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी नयी याचिका पर जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि वह एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने संबंधी पहले के निर्देश को लागू करेगा। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने एफआरएल के वकील से कहा, "मुझे फाइल देखने दीजिए और मैं एक तारीख दूंगा।" सिंगापुर की आपातकालीन मध्यस्थता अदालत (ईए) द्वारा एफआरएल को सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले आदेश को लागू कराने के लिए अमेजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को कहा था कि अगर चार सप्ताह के भीतर उच्चतम न्यायालय से कोई स्थगन नहीं मिलता है, तो वह फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को रिलायंस रिटेल के साथ हुए सौदे में आगे बढ़ने से रोकने वाले एकल न्यायधीश के आदेश को लागू करेगा। उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने 18 मार्च को सिंगापुर आपात पंचाट (ईए) के फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल को अपना कारोबार 24,713 करोड़ रुपये में बेचने के सौदे पर रोक के आदेश को उचित ठहराया था। न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने फ्यूचर रिटेल को निर्देश दिया था कि वह रिलायंस के साथ सौदे पर आगे कोई कार्रवाई नहीं करे। अदालत ने कहा था कि समूह ने जानबूझकर ईए के आदेश का उल्लंघन किया है। उच्च न्यायालय ने फ्यूचर समूह की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया था और साथ ही कंपनी और उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये की लागत भी लगाई थी। एफआरएल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ताओं हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने पीठ से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया और कहा कि अगर शीर्ष अदालत ने उसके पक्ष में आदेश पर रोक नहीं लगाई तो उच्च न्यायालय एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ हुए सौदे में आगे बढ़ने से रोकने वाले एकल न्यायधीश के आदेश को लागू कर देगा। साल्वे ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के "दूरगामी परिणाम" होंगे और एफआरएल की अपील पर नौ सितंबर को सुनवाई की मांग की क्योंकि उच्च न्यायालय के समक्ष मामला 16 सितंबर को सूचीबद्ध है। रोहतगी ने एक अन्य याचिका का हवाला देते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पूरी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है और अगर फ्यूचर ग्रुप एवं अन्य को शीर्ष अदालत से अनुकूल आदेश नहीं मिला तो अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई