नई दिल्लीः पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को इस आरोप का खंडन किया कि उन्होंने एक पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को भारत में आमंत्रित किया था, जिसने आईएसआई के लिए जासूसी करने का दावा किया है। अंसारी ने कहा कि उनके खिलाफ मीडिया के एक तबके और भाजपा के एक प्रवक्ता द्वारा ‘‘एक के बाद एक झूठ’’ फैलाया जाता रहा है।
उन्होंने एक बयान जारी कर भाजपा द्वारा रॉ के एक पूर्व अधिकारी की टिप्पणियों के हवाले से लगाए गए इन आरोपों को भी खारिज किया कि उन्होंने ईरान में भारत के राजदूत के रूप में राष्ट्रीय हितों से समझौता किया था। विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण सरकार की सलाह पर दिया जाता है।
इससे पहले आज दिन में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के उस दावे को लेकर अंसारी और कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें उसने कहा है कि उसने संप्रग सरकार के कार्यकाल में पांच बार भारत की यात्रा की और यहां से एकत्रित संवदेनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध कराईं।
अंसारी ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के भाजपा के आरोप पर कहा कि मैंने उन्हें कभी आमंत्रित नहीं किया और न ही उनसे मुलाकात की। ईरान में राजनयिक के रूप में हमेशा सरकार की जानकारी के दायरे में था, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिबद्धता से बंधा था।
भारतीय जनता पार्टी ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा द्वारा पाकिस्तानी जर्नलिस्ट और यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ बातचीत में किये उस दावे पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कांग्रेस पार्टी से सफाई मांगी है।
भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “नुसरत मिर्जा ने भारत यात्रा के विषय में बहुत गंभीर और आपत्तिजनक बातें कही हैं। मिर्जा दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति से कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक मर्यादा का पद है।
वो किसी मुद्दे को बाहरी व्यक्ति से साझा नहीं कर सकते हैं क्योंकि सवाल देश की सुरक्षा से जुड़ा हैं।” समाचार वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने पाक पत्रकार शकील चौधरी के साथ बातचीत में दावा किया है कि उन्हें भारते के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल में भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया था।
भाटिया ने प्रेसवार्ता में कहा कि यदि तत्कालीन उपराष्ट्रपति के अलावा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी सत्ताधारी दल द्वारा उठाए गए सवालों पर चुप्पी साधे रहते हैं, तो यह इन ‘‘पापों’’ के लिए उनकी स्वीकारोक्ति के समान होगा। इस मामले में कांग्रेस अथवा अंसारी की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी सामने नहीं आयी है।
सोशल मीडिया पर वायरल मिर्जा के साक्षात्कार के वीडियो से पता चलता है कि उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत में आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लिया था, जिसे अंसारी ने भी संबोधित किया था। भाटिया ने कहा, ‘‘भारत के लोग आपको इतना सम्मान दे रहे हैं और आप देश को धोखा दे रहे हैं। क्या यह देशद्रोह नहीं है? सोनिया गांधी, राहुल और हामिद अंसारी को सामने आकर इसका जवाब देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि मिर्जा ने पाकिस्तान में एक साक्षात्कार में दावा किया है कि अंसारी ने 2005-11 के दौरान उन्हें पांच बार भारत आमंत्रित किया था और बेहद संवेदनशील और गोपनीय जानकारी साझा की थी। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (मिर्जा) अंसारी से जानकारी प्राप्त की और इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया।’’ उन्होंने कहा कि मिर्जा को आतंकवाद के मुद्दे पर एक सेमिनार को संबोधित करने के लिए भी आमंत्रित किया गया था। भाटिया ने कहा, ‘‘आईएसआई के साथ सूचना साझा करने वाले एक व्यक्ति को भारत आने के लिए आमंत्रित किया गया।
क्या आतंकवाद को समाप्त करने की कांग्रेस की यही नीति थी? यह पार्टी की जहरीली मानसिकता है। हमारी सरकार ने आतंकवाद को उखाड़ फेंकने का सकंल्प जताया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस की ऐसी सोच है।’’ मिर्जा के दावे का हवाला देकर भाटिया ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार को सात भारतीय शहरों की यात्रा के लिए वीजा दिया गया जबकि आमतौर पर तीन शहरों के लिए ही वीजा दिया जाता है।
भाजपा प्रवक्ता ने भारत की खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के एक पूर्व अधिकारी के उस दावे का भी उल्लेख किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ईरान के राजदूत रहने के दौरान अंसारी ने देश के हितों को नुकसान पहुंचाया था। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई चाहती है, तो भाटिया ने कहा कि पार्टी का काम मुद्दों को उठाना है और पड़ताल करना जांच एजेसियों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि अंसारी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्हें पता है कि मिर्जा आईएसआई के साथ सूचनाएं साझा करते थे अथवा वह कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर यह कार्य कर रहे थे। वहीं, भाजपा उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से संबंधित एक पाकिस्तानी पत्रकार के दावों के बारे में पढ़कर हैरानी हुई। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें संप्रग सरकार के दौरान दूसरा कार्यकाल मिला। क्या उस दौरान शीर्ष पदों को लेकर समझौता किया गया? यह कुछ गंभीर संदेह खड़े करता है।’’
(इनपुट एजेंसी)