बरेली (उत्तर प्रदेश), सात अक्टूबर लखीमपुर खीरी जिले में गत रविवार को हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन से मुलाकात करने जा रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बृहस्पतिवार को बरेली के बहेड़ी इलाके में रोक लिया गया।
अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ लखीमपुर खीरी जा रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बरेली के बहेड़ी इलाके में टोल प्लाजा पर रोका गया।
उन्होंने बताया कि रोके जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ता टोल प्लाजा परिसर में ही धरने पर बैठ गए और लखीमपुर खीरी जाने देने की मांग करने लगे। रावत से केवल अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ ही लखीमपुर खीरी जाने का आग्रह किया गया लेकिन वह नहीं माने और बाद में वापस लौट गए।
इस बीच, रावत ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि आज किसान अपने हक की आवाज़ उठाता है तो उसे गाड़ी से कुचल कर मार दिया जाता है और जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पीड़ित किसानों से मिलने के लिए निकली, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जो किसानों के हत्या के आरोपी हैं उन्हें अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब देश मे लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो गया है।
रावत ने कहा कि जो भी अपने हक के लिए आवाज़ उठाएगा ‘‘उसे या मार दिया जाएगा या उसे जेल में डाल दिया जाएगा। इतना जुल्म तो अंग्रेजों के दौर में भी नहीं’’ हुआ था।
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