पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। उनका निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में रविवार सुबह करीब 11 बजे हुआ जहां वो पिछले कई दिनों से भर्ती थे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल ही में लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी।
उनकी तबीयत शनिवार को काफी बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। रघुवंश प्रसाद ने इसी गुरुवार को RJD की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था और फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला पत्र लिखा था। इसके बाद बिहार चुनाव में उनके भावी कदमों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।
कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने पर करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थाान(एम्स) में भर्ती कराया गया था।
पटना लाया जाएगा पार्थिव शरीर
सिंह के परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं। सिंह की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा। इससे पहले जून में सिंह को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था और उन्हें पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था। कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं को देखते हुए उन्हें हाल ही में दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था।
लालू बेहद करीबी माने जाने वाले रघुवंश अच्छे और बुरे दोनों ही दौर में राजद सुप्रीमो के खड़े रहे थे। हालांकि, कुछ महीने पहले पार्टी से तब अनबन हो गयी जब, चर्चा होने लगी कि माफिया डॉन से नेता बने एवं वैशाली लोकसभा क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी रमा सिंह RJD में शामिल होंगे।
उन्होंने तब पार्टी उपाध्याक्ष पद से इस्तीफा देते समय प्राथमिक सदस्यता तो नहीं छोड़ी लेकिन वह पार्टी के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने लगे। इसके लिए उनके खराब स्वास्थ्य को कारण बताया गया। रघुवंश प्रसाद सिंह मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे थे।
इस बीच रघुवंश प्रसाद के निधन के खबर पर लालू यादव ने भी शोक जताया है। उनके ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, 'प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए। नि:शब्द हूं। दुःखी हूं। बहुत याद आएंगे।'