नई दिल्ली, 6 जून: कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की आलोचनों के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 6 जून की शाम नागपुर पहुंच ही गए। कल पूरे देश की नजर आरएसएस के कार्यक्रम पर प्रणब के भाषण पर रहेगी।
प्रणब आरएसएस के उन कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे, जिन्होंने संघ के शैक्षिक पाठ्यक्रम का तृतीय शिक्षा वर्ग पास किया है। यह ट्रेनिंग पास करने वाले आगे चलकर पूर्णकालिक प्रचारक बनते हैं। इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद से ही प्रणब मुखर्जी की काफी आलोचनाए हुई। प्रणब के इस फैसले के बाद से कांग्रेस पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई।
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हालांकि आलोचनाओं के बाद प्रणब मुखर्जी ने जवाब भी दिया था। उन्होंने कहा था, 'मुझे जो भी कुछ कहना है, मैं नागपुर में कहूंगा। मुझे कई पत्र आए और कई लोगों ने फोन किया, लेकिन मैंने किसी का जवाब नहीं दिया है।' प्रणब ने यह बयान आनंद बाजार पत्रिका को दिए इंटरव्यू में दिया था। खबरों के मुताबिक आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मुखर्जी को तब भी न्योता दिया था, जब वह राष्ट्रपति थे।
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