पटना: रालोजपा नेता एवं पूर्व सांसद सूरजभान सिंह रविवार को राजद का दामन थामेंगे। इसके पहले उनके शनिवार को पार्टी में शामिल होने की बात थी, लेकिन अब यह कार्यक्रम एक दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। तेजस्वी यादव उन्हें और उनके परिवार को रविवार को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। सूरजभान सिंह के साथ उनकी पत्नी वीणा देवी (पूर्व सांसद) और छोटे भाई चंदन सिंह (पूर्व सांसद) भी राजद का दामन थामेंगे।
इस तरह, एक ही परिवार के तीन पूर्व सांसदों का एक साथ राजद में जाना बिहार के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। सूरजभान सिंह अभी पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। सूरजभान सिंह का राजद में आना मोकामा विधानसभा सीट के लिए बहुत खास माना जा रहा है।
चर्चा है कि उनकी पत्नी वीणा देवी मोकामा से चुनाव लड़ सकती हैं, जहां उनका मुकाबला अनंत सिंह से हो सकता है। यह मुकाबला 2000 के चुनाव की याद दिलाता है, जब सूरजभान सिंह ने जेल में रहते हुए भी अनंत सिंह के बड़े भाई और तत्कालीन मंत्री दिलीप सिंह को हरा दिया था। राजद में सूरजभान सिंह की एंट्री को तेजस्वी यादव की नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
तेजस्वी अब राजद को सिर्फ ‘मुस्लिम-यादव’ की पार्टी नहीं, बल्कि ‘ए टू जेड’ यानी सभी जाति-धर्म के लोगों की पार्टी बनाना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी इस कोशिश से एनडीए को काफी नुकसान हुआ था, खासकर कुशवाहा वोट बैंक में।
सूरजभान सिंह पहले रामविलास पासवान के साथ थे और लोजपा के बड़े नेता माने जाते थे। लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद जब पार्टी टूटी, तो वह चिराग पासवान को छोड़कर पशुपति पारस के साथ चले गए।
2024 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने पारस को किनारे कर दिया, तो सूरजभान सिंह का राजनीतिक भविष्य भी खतरे में आ गया था। बिहार विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने तेजस्वी के साथ आने का निर्णय लेकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है।