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2024 में एनसीपी के शंकर मांडेकर से हारे पूर्व कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने दिया इस्तीफा, भाजपा में शामिल होंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 19, 2025 15:59 IST

नाना पटोले के इस्तीफे के बाद कांग्रेस संग्राम थोपटे को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाना चाहती थी, लेकिन (तत्कालीन विपक्षी नेता) देवेंद्र फडणवीस ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाकर उनके प्रयासों को विफल कर दिया।

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ठळक मुद्देसोशल मीडिया हैंडल पर लगी तस्वीर से कांग्रेस का ‘लोगो’ हटा दिया।संग्राम थोपटे को उस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।थोपटे परिवार कांग्रेस के साथ लंबे समय से जुड़ा रहा है।

पुणेः महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच पूर्व कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। थोपटे ने पुणे जिले के भोर निर्वाचन क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व किया है लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) उम्मीदवार शंकर मांडेकर से हार गए थे। थोपटे का परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनंतराव थोपटे के बेटे हैं, जिन्होंने भोर सीट का महाराष्ट्र विधानसभा में छह बार प्रतिनिधित्व किया था। थोपटे ने शनिवार को फोन पर बताया, ‘‘‘मैंने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्नितला को सौंप दिया है।’’ उन्होंने कांग्रेस पार्टी से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था और अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लगी तस्वीर से कांग्रेस का ‘लोगो’ हटा दिया।

उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर थोपटे ने कहा कि वह रविवार को अपने समर्थकों के साथ इस पर चर्चा करेंगे। थोपटे के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, ‘‘अनंतराव थोपटे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। थोपटे परिवार कांग्रेस के साथ लंबे समय से जुड़ा रहा है। संग्राम थोपटे को उस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।’’

सपकाल ने दावा किया कि जब विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सत्ता में था, नाना पटोले के इस्तीफे के बाद कांग्रेस संग्राम थोपटे को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाना चाहती थी, लेकिन (तत्कालीन विपक्षी नेता) देवेंद्र फडणवीस ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाकर उनके प्रयासों को विफल कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘फडणवीस ने कोश्यारी पर विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव टालने का दबाव बनाया। नतीजतन, थोपटे पद ग्रहण नहीं कर सके।’’ फरवरी 2021 में पटोले के इस्तीफा देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली हो गया था। जुलाई 2022 में भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर अध्यक्ष बने।

सपकाल ने दावा किया कि विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी के कारण अंततः शिवसेना में राजनीतिक विभाजन (2022 में) हो गया। सपकाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह फडणवीस ही थे जिन्होंने थोपटे के साथ गलत किया। उन्हें फडणवीस के प्रभाव में नहीं आना चाहिए जिन्होंने उनकी चुनावी हार सुनिश्चित की।’’ दिसंबर 2024 में 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नार्वेकर निर्विरोध चुने गए क्योंकि विपक्षी एमवीए ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।

टॅग्स :महाराष्ट्रदेवेंद्र फड़नवीसकांग्रेसBJP
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