छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य अरेस्ट?, शराब ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले ईडी एक्शन, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 18, 2025 13:27 IST2025-07-18T13:26:54+5:302025-07-18T13:27:47+5:30
न्यायपालिका पर भरोसा है और वह कार्रवाई में सहयोग करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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दुर्गः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के परिसरों पर शुक्रवार को फिर छापेमारी की। इस बीच ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में कथित करोड़ों रुपये के शराब घोटाले की चल रही जाँच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। बघेल ने शुक्रवार को अपने भिलाई स्थित आवास पर ईडी की छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वह कार्रवाई में सहयोग करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
#WATCH | Former Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel's son, Chaitnya Baghel (in yellow t-shirt), arrested by Enforcement Directorate, in connection with the ongoing investigation into alleged multi-crore liquor scam in the state, say officials.
— ANI (@ANI) July 18, 2025
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यह छापेमारी उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में की गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले में नये साक्ष्य मिलने के बाद ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित बघेल के आवास पर छापा मारा। यह पिता-पुत्र का साझा आवास है।
भिलाई स्थित अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए बघेल ने कहा, ''अपने आका को खुश करने के लिए मोदी और शाह ने मेरे घर ईडी भेज दी है। हम न डरने वाले हैं, न झुकने वाले। भूपेश बघेल नहीं डरेगा। हम सच्चाई की लड़ाई लड़ेंगे।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक तरफ बिहार में निर्वाचन आयोग की मदद से मतदाताओं के नाम (मतदाता सूची से) हटाए जा रहे हैं...
प्रजातंत्र का चीरहरण किया जा रहा है। दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए ईडी, आईटी, सीबीआई, डीआरआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन अब देश की जनता समझ गई है और अच्छी तरह से जागरूक है।’’ बघेल ने कहा, ‘‘ईडी पहले भी आ चुकी है और मेरे घर पर छापा मारा था तथा मेरे घर से 33 लाख रुपये बरामद किए थे।
अब वे फिर से आए हैं, इसका क्या मतलब है? हम पूरा सहयोग करेंगे...चाहे उन्हें भरोसा हो या न हो, हम लोकतंत्र और न्यायपालिका में विश्वास करते हैं। वे (भाजपा) एजेंसी का दुरुपयोग कर रहे हैं, लेकिन हम उनका सहयोग करेंगे।'' अपने बेटे चैतन्य की सालगिरह वाले दिन हुई छापेमारी के समय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ''जन्मदिन का जैसा तोहफा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी।
और अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ईडी की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा।'' ईडी की छापेमारी की खबर मिलने के बाद बघेल के घर के बाहर पार्टी के कुछ समर्थक जमा हो गए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 10 मार्च को चैतन्य बघेल के खिलाफ भी इसी तरह की छापेमारी की थी।
बघेल के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ''ईडी आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अदाणी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ईडी भेज दी है।'’’ बघेल ने इस महीने की शुरुआत में रायगढ़ जिले की तमनार तहसील का दौरा किया था और इलाके में एक कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों को समर्थन दिया था। यह खदान महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित है, जिसने अदाणी समूह को एमडीओ (खदान विकासकर्ता सह संचालक) का ठेका दिया है।
ईडी ने पहले दावा किया था कि चैतन्य बघेल पर कथित शराब घोटाले से धन प्राप्त करने का संदेह है। यह कहा गया कि इस घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब घोटाले में शामिल गिरोह के लाभार्थियों के जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गई।
इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को जांच के तहत गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में यह कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत अब तक एजेंसी द्वारा विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।