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जीतनराम मांझी ने फिर दिया विवादित बयान, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की मौत को बताया साजिश

By एस पी सिन्हा | Updated: April 18, 2022 20:00 IST

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की मौत को लेकर एक सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि बाबासाहब की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी। उनकी मृत्यु कहीं न कहीं साजिश के तहत हुई।

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ठळक मुद्देबाबासाहब की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी, उनकी मौत में कहीं न कहीं साजिश हुई थीमाझी ने यह बात मोतिहारी में बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की 131वीं जयंती समारोह में कही बाबासाहब दलितों को उनका अधिकार दिलाना चाहते थे, इस वजह से उनकी मौत की साजिश रची गई

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहते हैं। अब उन्‍होंने एक साथ कई ऐसे बयान दिए हैं, जिनसे सियासत गर्म होने लगी है।

मांझी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की मौत को लेकर एक सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि बाबासाहब की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी। उनकी मृत्यु कहीं न कहीं साजिश के तहत हुई। उनका यह बयान काफी संवेदनशील माना जा रहा है।

मोतिहारी में बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की 131वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाबासाहब चाहते थे कि दलितों को उनका अधिकार मिले। मांझी ने कहा कि बाबासाहब चाहते थे कि दलितों को उनका अधिकार मिले। इसी वजह से उनकी मौत की साजिश हुई।

उन्‍होंने कहा कि बाबासाहब की मौत स्‍वभाविक नहीं थी लेकिन उनका यह सपना अब तक अधूरा रह गया है। अगर वह कुछ वर्ष और जीवित रहते तो उनका यह सपना पूरा हो सकता था। मांझी ने इस दौरान बाहरी और मूलवासी का अपना पुराना राग भी अलापते हुए कहा कि आज देश में बाहरी लोग राज कर रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि हमारे समाज के युवाओं को जागना होगा। जिस दिन हमारे समाज के युवा जाग जाएंगे, उसी दिन हमारी सरकार बन जाएगी। मांझी ने कहा कि हम देश के मूल निवासी हैं, लेकिन बाहर के लोग आकर हम पर शासन कर रहे हैं।

उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर चोट करते हुए कहा कि राज्य में सरकारी विद्यालयों की क्या स्थिति है, सब को पता है। मांझी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का मैं समर्थन नहीं करता, परंतु उन्होंने दिल्ली में जो शिक्षा प्रणाली लागू की है, वह बेहतर है। इसी के कारण आज दिल्ली में निजी विद्यालय में पढने वाले बच्चे सरकारी विद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं।

इसके बाद उन्‍होंने बिना किसी का नाम लिए कुछ ऐसी बातें कहीं, जिसे सीधे तौर पर बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना माना जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद पर इस सोच के साथ बैठाया गया कि वे आदेश का पालन करते रहेंगे।

जीतन राम मांझी ने कहा कि जब उन्‍होंने दलितों के हित में फैसले लेने शुरू किए तो उन्‍हें पद से हटा दिया गया। उनके फैसलों को भी बदल दिया गया।

मांझी ने कहा कि अभी हमें आर्थिक और सामाजिक आजादी नहीं मिली है। इसके लिए हमें डबल मतदाता अधिकार, समान शिक्षा, न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण सहित अन्य मूल अधिकारों के लिए आवाज उठाना होगा।

टॅग्स :जीतन राम मांझीबिहारBaba Sahebपटना
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