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पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने जताई आशंका, मणिपुर हिंसा में हो सकता है विदेशी ताकतों का हाथ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 29, 2023 17:03 IST

मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों के हाथ की आशंका जताते हुए पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि इसमें वो लोग शामिल हो सकते हैं जो इस हिंसा से लाभान्वित होते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों को पहले भी चीन से मदद मिलती रही है।

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ठळक मुद्देमणिपुर हिंसा में विदेशी ताकतों का हाथ होने से इनकार नहीं - पूर्व सेना प्रमुखउग्रवादियों को मिलती है चीनी मदद - पूर्व सेना प्रमुखइसमें वो लोग शामिल हो सकते हैं जो इस हिंसा से लाभान्वित होते हैं - पूर्व सेना प्रमुख

नई दिल्ली: मणिपुर पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। राज्य के दो प्रमुख समुदाय मैतेयी और कुकी के बीच तनाव इतना बढ़ चुका है कि दोनों एक दूसरे के इलाके में भी नहीं जा रहे। सरकार, सेना और सुरक्षाबलों की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में हिंसा की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे का एक बयान सुर्खियों में है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि  मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। 

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य' विषय पर पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है, वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूं।"

इस कार्यक्रम में एमएम नरवणे ने साफ कहा कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों को पहले भी चीन से मदद मिलती रही है। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि मणिपुर में ड्रग्स की तस्करी का रैकेट भी लंबे समय से चल रहा है। 

मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों के हाथ की आशंका जताते हुए पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि इसमें वो लोग शामिल हो सकते हैं जो इस हिंसा से लाभान्वित होते हैं, जो नहीं चाहेंगे कि राज्य में सामान्य स्थिति लौटे क्योंकि जब तक यह अस्थिरता रहेगी तब तक उन्हें लाभ होगा। यही एक कारण हो सकता है कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा इसे कम करने के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों के बावजूद हम हिंसा में लगातार इजाफा देख रहे हैं। 

बता दें बीती 3 मई को जारी हुई मणिपुर की हिंसा सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी थम नहीं रही और यह अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। विपक्ष केंद्र सरकार पर इसे लेकर हमलावर है। बीते दिनों दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनका परेड निकालने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य में तनाव अपने चरम पर है।

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