चारा घोटाला मामलों में बढ़ी लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें, परिवार से जुड़ी बेनामी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू
By एस पी सिन्हा | Published: June 22, 2019 02:50 PM2019-06-22T14:50:59+5:302019-06-22T14:52:58+5:30
यहां बता दें कि आयकर विभाग के प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने लालू परिवार से जुडी बेनामी संपत्ति और आवामी बैंक के खातों की जब्ती पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी है.
चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार जल्द ही लालू यादव और राबडी देवी से जुडी बेनामी संपत्ति जब्त की जाएगी. इस कार्रवाई में अवामी बैंक खातों के साथ ही फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड से जुडे मकान को भी जब्त करने की प्रक्रिया की जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर विभाग के प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने लगाई इस पर अंतिम मुहर लगा दी है. अब पटना एयरपोर्ट के पास स्थित बंगले और अवामी बैंक में नोटबंदी के समय खुले कई खातों की जब्ती पर मुहर लग गई है. एयरपोर्ट के पास फेयर ग्रो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से साढे 3 करोड का बंगला था.
इस कम्पनी में लालू यादव के बडे बेटे तेज प्रताप यादव, छोटे बेटे तेजस्वी यादव, बेटी रागिनी और चंदा बतौर डायरेक्टर कार्यरत थे. इनके डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत रहने की अवधि 2014 से लेकर 2017 तक थी. इतना ही नहीं यह कंपनी फर्जी थी. आयकर विभाग ने पिछले साल इसे सील किया था. वहीं, नोटबंदी के समय मजदूरों के नाम पर भी कई खाते अवामी बैंक में खोलकर उसमें लाखों रुपये जमा किये गए थे.
यहां बता दें कि आयकर विभाग के प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने लालू परिवार से जुडी बेनामी संपत्ति और आवामी बैंक के खातों की जब्ती पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी है. इसके बाद बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने राजद के पूर्व विधान पार्षद अनवर अहमद की अध्यक्षता वाले अवामी लीग सहकारिता बैंक के 24 बैंक खातों और इनमें जमा लाखों रुपये जब्त कर लिये हैं.
साथ ही फेयर ग्रो नामक शेल कंपनी के नाम पर मौजूद बेनामी संपत्ति को भी जब्त कर लिया गया है. बताया जाता है कि जब आयकर विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की थी तो तेजस्वी यादव ने इसके निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था. इस शेल कंपनी के नाम पर पटना में एयरपोर्ट के पास पांच कट्ठा 22 धुर जमीन और इस पर बना हुआ तीन मंजिला एक आलीशान मकान है, जिसे जब्त करने का आदेश दिया गया है. आयकर विभाग ने इन दोनों मामलों में पहले ही छापेमारी कर इन संपत्तियों को सील कर दिया था. इसके बाद बेनामी संपत्ति मामले में इन्हें जब्त करने के लिए यह मामला नयी दिल्ली स्थित एडजुकेटिंग ऑथरिटी में चल रहा था. अब ऑथरिटी ने इन्हें जब्त करने से संबंधित फैसला दे दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद पटना में मौजूद अरशद अहमद की अध्यक्षता वाले अवामी लीग सहकारिता बैंक में दो दर्जन से ज्यादा बैंक खाते मजदूर और फुटपाथी दुकानदारों के नाम पर खुलवा दिये गये थे. संबंधित व्यक्ति की बिना जानकारी के खोले गये इन बैंक खातों में दो से ढाई लाख रुपये के पुराने नोट जमा करा दिये गये थे.
इस तरह ऐसे फर्जी खातों में 80 से 85 लाख रुपये जमा किये गये थे. बाद में इनमें से कुछ पैसे निकाले भी गये थे. इस तरह लाखों रुपये ब्लैक से व्हाइट किये गये थे. इस मामले में आयकर विभाग ने संबंधित बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद और उनके बेटे अरशद अहमद के तीन-चार ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनमें बेटे का मदर्स इंटरनेशनल स्कूल भी शामिल था. जांच के दौरान दो दर्जन से ज्यादा बैंक खाते ऐसे मिले थे, जिनमें ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया था. इनमें कुछ रसूखदारों के रुपये भी सफेद किये गये थे. दूसरे मामले में फेयर ग्रो शेल कंपनी का न कोई कारोबार था, न ही यह कंपनी कोई टैक्स पेमेंट करती थी. फिर भी करोडों की संपत्ति इसके नाम पर थी.
इसके निदेशक मंडल में तेजस्वी यादव के अलावा अन्य जो लोग भी थे, उनके नाम-पता की जांच करने पर सब फर्जी पाये गये. वर्तमान में इसके निदेशकों में नयी दिल्ली के ब्रज सरीन के अलावा देहरादून के राजेश गौड और मुकेश गौड शामिल हैं. इस शेल कंपनी के माध्यम से करोडों रुपये ब्लैक से व्हाइट किये गये थे. इस वजह से इसके खिलाफ बेनामी संपत्ति मामले में कार्रवाई की गई है. इस कंपनी में कई निदेशक भी बदल दिये गये हैं.